अपने हक के लिए संगठित हों दलित : पुनिया
मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन डा. पीएल पुनिया ने कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर केवल दलितों के मसीहा नहीं थे। वह समूचे समाज में समरसता के हामी थे। सच्चे अर्थों में वह राष्ट्र निर्माता थे। उन्होंने समाज में दलितों को अलग पहचान दिलाई।
लखनऊ। मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन डा. पीएल पुनिया ने कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर केवल दलितों के मसीहा नहीं थे। वह समूचे समाज में समरसता के हामी थे। सच्चे अर्थों में वह राष्ट्र निर्माता थे। उन्होंने समाज में दलितों को अलग पहचान दिलाई। दलित समाज जब तक संगठित नहीं होगा, तब तक उसे उसका हक नहीं मिल सकता। इसलिए समाज को संगठित होना पड़ेगा।
टाउन हाल मैदान में सामाजिक जागरूकता एवं सशक्तीकरण सम्मेलन में उन्होंने कहा कि दलितों का उत्थान तभी संभव है, जब वह एकजुट हों। अपने हक के लिए आवाज उठाएं। बाबा साहब ने यह साबित कर दिया था कि योग्यता किसी की बपौती नहीं होती। उन्होंने ही कहा था कि शिक्षित हो, संगठित हो और संघर्ष करो। बाबा साहब के तीनों कथन प्रासंगिक हैं।
पुनिया ने भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा। कहा कि देश में आरएसएस कहीं पंजीकृत नहीं है लेकिन देश में उसका सिक्का चलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि आरक्षण की व्यवस्था बरकरार रहेगी लेकिन दो साल से अनुसूचित जाति के उत्थान और उद्धार के लिए कुछ नहीं किया। जिस संविधान को अंबेडकर ने लागू कराया था, आज उसी के विपरीत जाकर सरकारें बर्खास्त कराई जा रही हैं। भाजपा संविधान में संशोधन का मंसूबा पाले बैठी है।
सम्मेलन में उप्र के विभिन्न जिलों के अलावा आंध्रप्रदेश और मध्य प्रदेश के दलित नेताओं ने भी हिस्सा लिया। सम्मेलन का विषय दलितों का उत्पीडऩ, शोषण और अत्याचार रहा।