दलित राजनीति की गर्माहट से अछूती नहीं रहेगी आंबेडकर जयंती
भारत बंद के दौरान हिंसक वारदात के बाद दलित राजनीति में बढ़ी गर्माहट का असर डॉ. भीमराव आंबेडकर की 127 वीं जयंती समारोहों में नजर आएगा।
लखनऊ (जेएनएन)। लोकसभा चुनाव नजदीक होने से भारत बंद के दौरान हिंसक वारदात के बाद दलित राजनीति में बढ़ी गर्माहट का असर डॉ. भीमराव आंबेडकर की 127 वीं जयंती समारोहों में नजर आएगा। वोट बैंक लूटने की चाहत में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जयंती समारोह के बहाने शक्ति प्रदर्शन में जुटी हैं। इस बीच दलित नेता एवं गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की भाजपा नेताओं को अंबेडकर की प्रतिमा के पास नहीं जाने देने की चेतावनी के बाद विशेष सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि यूपी में जिग्नेश-प्रभाव नगण्य है फिर भी पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उल्लेखनीय है कि यह महापुरुषों की प्रतिमाओं को लेकर खींचतान का समय है। हर राजनीतिक दल में अपने-्अपने महापुरुषों को बचाए रखने की होड़ मची है। हालांकि औपचारिक तौर पर सभी महापुरुषों को सभी का आदर्श बतातेआ रहे हैं फिर भी अंदरखाने महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ बाई पटेल और भीमराव रामजी आंबेडकर को अपना बनाने के लिए राजनीतिक दलों की नजर काफी पैनी है।
बसपा की कमजोर होती पकड़
सर्वाधिक चिंतित बहुजन समाज पार्टी दिख रही है। यूं तो बसपा प्रत्येक वर्ष बाबा साहब की जयंती मानती रही है परंतु इस बार तैयारी कुछ ज्यादा है। जो जज्बा कांशीराम जयंती व मायावती के जन्मदिन पर दिखता था लगभग वही माहौल आंबेडकर जयंती पर भी दिख रहा है। मंडल स्तर पर जयंती समारोह आयोजित होंगे। लखनऊ के समारोह में बसपा प्रमुख मायावती खुद मौजूद रहेंगी। समारोहों में भीड़ जुटाने के लिए जिले व विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्य दिये गए हैं। लखनऊ में सभी प्रमुख मार्ग व चौराहों पर नीले झंडों और होर्डिंग्स की भरमार है। समारोहों में अधिक भीड़ जुटाकर अपनी ताकत का अहसास करना बसपा के लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि भाजपा दलितों में पकड़ बनाने के लिए एड़ी चोटी के जोर लगाए है।
भाजपा के अनुसंगिक संगठन भी जुटेंगे
गत लोकसभा व विधानसभा चुनावों में दलित वोटों में अपनी बढ़ी हिस्सेदारी साबित कर चुकी भारतीय जनता पार्टी 2019 में इसी वातावरण को बनाए रखने की कोशिश में पूरी जीजान से जुटी है। मुख्य संगठन के अलावा अनुसंगिक संगठनों से भी आंबेडकर जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम करने को कहा गया है। भाजपा नेता दलित बस्तियों की ओर रुख करेंगे। सरकार के मंत्रियों के अलावा प्रमुख नेताओं को जयंती कार्यक्रम को कामयाब बनाने के निर्देश दिये गए हैं।
जिलेवार गोष्ठी करेंगे समाजवादी
बसपा से बढ़ी नजदीकियों के बीच समाजवादी पार्टी इस वर्ष आंबेडकर जयंती को लेकर अधिक गंभीर दिख रही है। आंबेडकर ही नहीं सपाइयों में कांशीराम के प्रति भी श्रद्धाभाव जगा। आंबेडकर जयंती के बहाने सपा बदले सियासी समीकरणों को मजबूती प्रदान करने की कोशिश में है। जिला केंद्रों पर गोष्ठियों के अलावा अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
विचार गोष्ठियां करेगी कांग्रेस
दलित वोटबैंक की वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस प्रत्येक जिले में विचार गोष्ठियां कर बाबा साहब को याद करेगी। सभी प्रमुख नेता व जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्र में दलित बस्तियों में संवाद बैठक करने को कहा गया है। राष्ट्रीय लोकदल भी आंबेडकर को याद करने में पीछे नहीं रहेगी। जिला केंद्रों पर अनुसूचित जाति मोर्चा कार्यक्रम आयोजित करेगा।
आरक्षण बचाने की शपथ ली
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले गोमतीनगर स्थित आंबेडकर स्थल पर शुक्रवार को दो दिवसीय आंबेडकर जयंती समारोह की शुरुआत करते हुए हजारों की संख्या में आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने बाबा साहब को याद करते हुए केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला। समिति ने दावा किया कि प्रदेश में आठ लाख आरक्षण समर्थकों ने आरक्षण बचाने की शपथ भी ली। समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने सभी को संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में लोकगायक राम निवास पासवान व सागर जौनपुरी के ग्रुप ने बाबा साहब पर गीत सुनाए। समिति के संयोजक केबी राम, डॉ.राम शब्द जैसवारा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस तरह पिछले चार वर्षों से पदोन्नति में आरक्षण का बिल लोकसभा में लंबित रखा है, उससे दलित कार्मिकों में नाराजगी है।
उपवास पर धोई आंबेडकर प्रतिमा
अलीगढ़ मेयर मोहम्मद फुरकान के शामिल होने के बाद वाष्र्णेय समाज के कुछ हिंदूवादी नेताओं द्वारा गुरुवार को प्रतिमा की गंगाजल से धुलाई के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। शुक्रवार को बसपा नेता व पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खां के नेतृत्व में आंबेडकर पार्क में बौद्ध पूजन किया गया। आंबेडकर प्रतिमा को आब-ए-जमजम (हज यात्रा से लाए गए जल) से धोया गया। कांग्र्रेस नेताओं ने प्रतिमा को दूध से धोया। बसपाइयों व कांग्र्रेसियों ने तर्क दिया कि भाजपा के उपवास से पार्क का वातावरण और प्रतिमा अपवित्र हो गई थी, जिसे पवित्र किया गया। शाम को जमीर उल्लाह कंचन बोधि महाथेरो व बौद्ध भिक्षु सोम महाथेरो के साथ आंबेडकर पार्क पहुंचे। बौद्ध पूजन व पवित्र जल से पार्क का शुद्धीकरण किया।
गंगाजल से शुद्ध की आंबेडकर की प्रतिमा
दलित वोट बैंक और डॉ. आंबेडकर को लेकर चल रही सियासत के बीच बागपत के दाहा में बसपाइयों ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। बसपाइयों ने बाबा साहेब की जयंती की पूर्व संध्या पर प्रतिमा को गंगाजल से नहलाकर शुद्ध किया। दरअसल दाहा में बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा लगी हुई है। इसे प्रत्येक वर्ष आंबेडकर जयंती पर साफ किया जाता है। इस बार भी उसे साफ किया गया। लेकिन उसमें जल के साथ गंगाजल का प्रयोग किया गया। दाहा निवासी पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि प्रतिमा को गंगाजल व दूध में नहलाकर शुद्धिकरण किया गया।
आंबेडकर प्रतिमा क्षतिग्रस्त
डॉ. भीमराव आंबेडकर की ग्रेटर नोएडा के रिछपाल गढ़ी गांव की प्रतिमा गुरुवार रात असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दी। शुक्रवार सुबह पता चलने पर गांव में तनाव व्याप्त हो गया। पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों के सहयोग से हालात को बिगडऩे से बचाया। प्रशासन ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा को हटवा कर मेटल की दूसरी प्रतिमा लगवाई। गांव में लगी इस प्रतिमा की सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई हुई थी, लेकिन रात में दोनों कहीं चले गए थे, तभी प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी गई। एसपी देहात सुनीति ने बताया कि गांव निवासी राजवीर की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।