Dainik Jagran Facebook Live: घर की तरह ही पानी का बजट बनाएं : रमन कांत त्यागी
दैनिक जागरण के फेसबुक एक्टिविटी पेज पर्यावरण संरक्षक नदी पुत्र के नाम से मशहूर रमन कांत त्यागी से चर्चा।
लखनऊ, जेएनएन। नदी संग्रक्षण के पांच मूल तत्व हैं। इसमें नदी किनारे सघन वृक्षारोपण, तालाबों का पुनर्जीवन, तरल और ठोस कचरे का निस्तारण, जन जागरूकता और रसायन मुक्त कृषि शामिल है। अगर इन मूल तत्वों के आधार पर हम किसी भी नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास करें तो पांच से दस साल के भीतर हम किसी भी नदी को जीवित कर सकते हैं। ये बातें नदी पुत्र रमन कांत त्यागी ने कहीं। वो दैनिक जागरण लखनऊ के फेसबुक एक्टिविटी पेज पर लाइव थे। इस दौरान उन्होंने लोगों को जल संचयन के उपाय बताए।
चिंतन करें कैसे बचत हो सकती है
अगर हम पांच लोगों के परिवार में रहते हैं तो उसका आंकड़ा निकालिए कि कितना पानी हम प्रति व्यक्ति इस्तेमाल करते हैं। साथ ही ये चिंतन करें कि हम कहां बचत कर सकते हैं। जैसे हम घर का बजट बनाते हैं वैसे ही पानी का भी बजट बनाएं। जब आप ऐसा करेंगे तो आप भी पानी की बचत करना शुरू कर देंगे। ये हम सभी को करना होगा।
छोटी नदियों को करना होगा पुनर्जीवित
नदियां हमारा जीवन रही हैं और गंगा हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी को पालती है। वो एक समग्र नदी है और उससे कई छोटी नदियां जुड़ी हुई हैं। जब तक उससे जुड़ी हुई नदियां पुनर्जीवित नहीं होंगी तब तक हम गंगा को पुनर्जीवित नहीं मान सकते। इसके लिए हमें और आपको जागरूक होने की और आगे आने की जरूरत है।