Note ban: जिंदगी पर मौत बनकर टूट रही करेंसी किल्लत
उत्तर प्रदेश में नोटबंदी परिवारों पर मौत बनकर झपटने लगी है। आज भी करेंसी किल्लत के चलते चार लोगों की मौत हो गई।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में नोटबंदी परिवारों पर मौत बनकर झपटने लगी है। आज भी करेंसी किल्लत के चलते चार लोगों की मौत हो गई। बस पर सवार होकर यात्रा कर रहे एक व्यापारी को अचानक हार्ट अटैक पड़ गया। उसके पास 4.13 लाख रुपये के पुराने नोट मिले। तीन दिनों से चार हजार रुपये बदलने के लिए लाइन में लगने के बाद हताशा मिली और भूखे परिजनों को देख हृदयाघात से मौत हो गई। एक बुजुर्ग तो नोट बदलने की लाइन की दशा देख सदमे से दम तोड़ गया। एक मांबच्चों को भूखा देख खुद आग लगाकर मौत के मुंह में चली गई। यह सिलसिला अभी थमा नहीं जारी है।
जिंदगी पर भारी पड़े चार लाख रुपए
अंबेडकरनगर के गौरीगंज निवासी व्यापारी रामनरेश (46) दिल्ली से वापस लौट रहे थे। रोडवेज बस में यात्रा के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई। बस पर बैठे लोगों ने संभाला। बस कन्नौज के छिबरामऊ पहुंचने पर परिचालक माधव सिंह उपचार के लिए नगला दिलू स्थित अस्पताल ले गए। यहां पहुंचने से पहले रामनरेश की मौत हो गई। सूचना पाकर प्रभारी निरीक्षक राजबहादुर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। व्यापारी के बैग व कपड़ों की तलाशी ली। व्यापारी की जेब से करीब 1.25 लाख रुपये की नकदी मिली और बैग खोलने पर 2.88 लाख रुपया मिला। जेब से मिले पहचान पत्र से शिनाख्त हुई। पुलिस ने घटना की सूचना परिवारीजनों को दी। घरवालों ने बताया कि रामनरेश चावल व्यापारी थे। काम के सिलसिले में अक्सर दिल्ली आया जाया करते थे।
परिजनों को भूखे देख दयाघात से मौत
तीन दिनों से चार हजार रुपये बदलने के लिए बैंक की लाइन ने लगने के बाद मिली हताशा और घर पर भूखे परिजनों को देख आहत व्यक्ति की हृदयाघात से मौत हो गई। मेरठ के किठौर के मोहल्ला बडवालियान निवासी मान सिंह (30) मजदूर था। नोटबंदी के चलते मान सिंह पिछले चार दिनों से बैंक की लाइन में लग कर करेंसी बदलवाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी नकदी बदली नहीं गई। इससे हताश मानसिंह तनाव में था। बताया गया कि मृतक के परिवार में खाना बनाने के लिए आटा तक खत्म हो चुका था। शुक्रवार शाम लगभग आठ बजे अचानक उसके सीने में दर्द हुआ। परिजन उसे चिकित्सक के पास लेकर जाते इससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
फीरोजाबाद में हार्ट अटैक
फीरोजाबाद में नोट बदलने को लाइन में लगे वृद्ध की हार्ट अटैक से मौत हो गई। गुस्साई भीड़ ने शाम को सड़क किनारे शव रखकर हाईवे पर जाम लगा दिया। लाइनपार क्षेत्र के रामनगर निवासी कारखाना मजदूर तमन्ना खां (65) पुत्र रफीक दोपहर घंटाघर स्थित एसबीआइ शाखा में नोट बदलवाने गए थे। दोपहर ढाई बजे लंबी कतार थी। कुछ देर वहां पहले से बीमार तमन्ना खां दिल का दौरा पडऩे से बेहोश होकर गिर पड़े। साथ आए लोग उन्हें उठाकर रिश्तेदार के घर ले गए, जहां कुछ देर में उनकी मौत हो गई। गुस्साए लोगों ने सड़क किनारे शव रखकर शाम को जाम लगा दिया। लोगों का कहना था कि वह बैंक की लाइन में दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई। लगभग बीस मिनट तक जाम लगा रहा, जिससे वाहन फंस गए। इंस्पेक्टर अनिल कुमार का कहना है कुछ लोग हाईवे पर एकत्र हो गए थे, जिन्हें हटा दिया।
बच्चों को भूखा देख लगाई आग
अमरोहा के डिडौली क्षेत्र के गांव मूंढा इम्मा में मजदूर मुनासिब हसन के घर पर राशन खत्म हो गया था। पत्नी के कहने पर वह नोट लेकर कई दुकानों पर आटा लेने गया था, परंतु उसे आटा नहीं मिला। इसी बात को लेकर शुक्रवार शाम को दंपती के बीच विवाद हो गया था। फिर घर में खाना न पकने के कारण भूख से बच्चे भी रोने लगे। बच्चों को भूखा रोता देख गुस्से में पत्नी नसीमा ने मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली। गंभीर रूप से झुलस गई। निजी चिकित्सक के यहां ले गए, जहां से उसे बेहतर उपचार के लिए मुरादाबाद रेफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि गांव के लोग ही मिलकर नसीमा के उपचार का खर्च उठा रहे हैं। पुलिस को इस घटना की जानकारी नहीं दी गई है। जिलाधिकारी वेद प्रकाश का कहना है कि, नोट बदलने में किसी प्रकार की परेशानी की शिकायत नहीं मिली है। ऐसा मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई की जाएगी।