Move to Jagran APP

लखनऊ में नॉन कोविड शवों की अंत्येष्टि के लिए लकड़ी का संकट, छह किलोमीटर दूर से ला रहे लकड़ी

नॉन कोविड शव लेकर आए लोगों को महापात्र विनोद पांडेय लकड़ी लाने को कह रहे थे और फिर हर कोई भागकर दुबग्गा जा रहा है जहां से लकड़ी लादकर ला रहा था। शाम तक यह सब गुल्लाघाट पर चलता रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:37 AM (IST)
लखनऊ में नॉन कोविड शवों की अंत्येष्टि के लिए लकड़ी का संकट, छह किलोमीटर दूर से ला रहे लकड़ी
सरकार की तरफ से कोई इंतजाम लकड़ी के लिए नहीं किए गए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। बुधवार दोपहर डेढ़ बज रहा होगा और गुल्लाला घाट पर लकड़ी खत्म हो गई थी। चौक के पीर बुखारा निवासी आलोक अग्रवाल अपनी दादी का शव लेकर पहुंचे थे लेकिन उनसे कहा गया कि लकड़ी खत्म हो गई है दुबग्गा से लेकर आओ। नॉन कोविड शव लेकर आए लोगों को महापात्र विनोद पांडेय लकड़ी लाने को कह रहे थे और फिर हर कोई भागकर दुबग्गा जा रहा है, जहां से लकड़ी लादकर ला रहा था। शाम तक यह सब गुल्लाघाट पर चलता रहा है। सत्रह शव की अंत्येष्टि के साथ ही लकड़ी खत्म हो गई थी और बुधवार को करीब 61 नॉन कोविड शव यहां आए थे। ऐसे में 44 शवों के लिए लकड़ी कई किलोमीटर दूर से ढोकर लोगों को लानी पड़ी।

loksabha election banner

महापात्र विनोद पांडेय का कहना है कि लकड़ी मिल नहीं रही है और नॉन कोविड शवों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बुधवार को दोपहर बाद ही लकड़ी खत्म होने शव लेकर आए लोगों को दुबग्गा से लकड़ी लाने को कहा जा रहा था। सरकार की तरफ से कोई इंतजाम लकड़ी के लिए नहीं किए गए हैं। वन विभाग और पुलिस के डर से ठेकेदार लकड़ी नहीं ला रहे हैं। अब कल नॉन कोविड शवों की कैसे अंत्येष्टि होगी? यह सवाल वह खुद ही पूछ रहा है। भैसाकुंड श्मशानघाट पर तो नगर निगम ने लकड़ी उपलब्ध करा दी है लेकिन उसकी मात्रा कम है। महापात्र राजेंद्र मिश्र का कहना है कि कल तक ही काम चल पाएगा। जिस तरह से शव आ रहे हैं, उसे देखते हुए लकड़ी का भंडार करना चाहिए।

लकड़ी का इंतजाम करे सरकार

गुल्लाला भैसाकुंड श्मशानघाट के महापात्रों का कहना है कि नगर निगम कोविड शवों के लिए मुफ्त में लकड़ी का उपलब्ध करा दे रहा लेकिन नॉन कोविड शवों के लिए लकड़ी की कमी पड़ रही हैै। सरकार को पेड़ कटान पर छूट और लकड़ी लाने पर आ रही अड़चन को दूर करना चाहिए, नहीं तो परेशानी बढ़ जाएगी।

लकड़ी की सियासत चलती रही

बुधवार को ई-रिक्शा पर लकड़ी लेने जाती फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही भैसाकुंड श्मशान घाट पर लकड़ी कम होने पर बहस चालू हो गई। अधिकारी भी हकीकत जानने पहुंचे तो वहां पर्याप्त मात्रा में लकड़ी पाई गई। जांच में यह सामने आया कि दो दिन पहले लकड़ी की किल्लत होने पर खबरें छपने के बाद लोग खुद से ही लकड़ी का इंतजाम करके आ रहे हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी श्मशान घाट पहुंचे और मामले की पड़ताल की।

नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि जांच में पाया गया कि कोई सोशल मीडिया पर भैंसाकुंड में लकड़ी की कमी को लेकर गलत खबर फैला रहा था और कहा जा रहा है कि लकड़ी की कमी की वजह से लोग बाहर से लकडिय़ां खरीदकर ला रहे हैं। सोशल मीडिया पर जिस व्यक्ति की फोटो लकड़ी ले जाते हुए वायरल हो रही है उसके घर में काफी मात्रा में लकड़ी थी जिस कारण वह घर से वह लकड़ी ले आ रहा था। इसका भैसाकुण्ड में लकड़ी के की कमी से कोई सम्बन्ध नहीं था। भैंसाकुंड में उपलब्ध लकड़ी के अलावा छह सौ कुन्तल लकड़ी और मंगाई गई है। गुलाला घाट पर कोविड कोरोना संक्रमित शवों के लिए 50 तथा नॉन कोविड शवो हेतु 120 नए प्लेटफार्म तैयार किए गए है। गुलाला घाट पर वर्तमान समय 1500 कुंतल लकड़ी उपलब्ध है। गुलाला घाट शवदाहगृह स्थल एवं बैकुण्ठ धाम स्थल पर अतिरिक्त प्लेटफार्म निॢमत करने के साथ ही दो शिफ्ट में 50-50 कर्मचारियों की तैनाती अन्तिम संस्कार के लिए की गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.