आइपीएस सुरेंद्र दास की पत्नी और ससुरालीजन पर गंभीर आरोप, सोमवार को अंतिम संस्कार
आइपीएस सुरेंद्र दास का शव रविवार शाम लखनऊ के एकता नगर स्थित आवास लाया गया। शव का अंतिम संस्कार सोमवार 10 बजे भैंसा कुंड पर किया जाएगा।
लखनऊ (जेएनएन)। आइपीएस सुरेंद्र दास का शव रविवार शाम पीजीआइ क्षेत्र के एकता नगर स्थित आवास लाया गया। शव का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह करीब 10 बजे भैंसा कुंड पर किया जाएगा। इस दौरान परिवारीजन ने सुरेंद्र की पत्नी डॉ. रवीना व उनके घरवालों पर गंभीर आरोप लगाए। बड़े भाई नरेंद्र का आरोप है कि पत्नी और ससुरालीजन की प्रताडऩा से सुरेंद्र ने आत्महत्या की है। वह एफआइआर दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग करेंगे।
शादी के दो माह बाद से ही अनबन
नरेंद्र के मुताबिक, शादी के बाद से रवीना लखनऊ स्थित घर पर एक दिन भी नहीं रहीं। वह सुरेंद्र को घरवालों से बात करने से मना करती थी। शादी के दो माह बाद से ही दंपती में अनबन होने लगी थी। नरेंद्र का कहना है कि उनका भाई रवीना से तलाक लेना चाहता था। इस बारे में बातचीत भी चल रही थी। रवीना और घरवालों की वजह से सुरेंद्र बहुत तनाव में था। दैनिक जागरण से बातचीत में नरेंद्र ने कहा कि सुरेंद्र की मौत की मौत का कारण उसकी पत्नी और ससुरालीजन हैं।
शादी डॉट काम के जरिये हुआ था विवाह
नरेंद्र ने बताया कि शादी डॉट कॉम के जरिए सुरेंद्र का रिश्ता तय हुआ था। इसके बाद रवीना के माता पिता ने बातचीत की और फिर नौ अप्रैल, 2017 को दोनों की शादी हो गई। आरोप है कि शादी के बाद अगले ही दिन रवीना मायके चली गई थी। यही नहीं, रिसेप्शन में भी वह सीधे शाम को पार्टी में पहुंची थी। सुरेंद्र को वह अक्सर नरेंद्र, मां या बहनों से फोन पर भी बात करने से रोकती थी। इस कारण कुछ दिनों से सुरेंद्र ने बातचीत करना भी बंद कर दिया था।
अंतिम दर्शन कर वापस लौटी पत्नी
आवास पर शव का अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ लगी थी। इलाके के लोग गमगीन थे और परिवारीजन का रो-रोकर बुरा हाल था। शव पहुंचने के थोड़ी देर बाद डॉ. रवीना अपने माता-पिता व कुछ रिश्तेदारों के साथ वहां पहुंची। पति के अंतिम दर्शन के दौरान वह चीख पड़ीं। रवीना की तबीयत बिगड़ता देख कुछ देर बाद घरवालें उन्हें वापस लेकर चले गए।
10 साल पहले हो गई थी पिता की मौत
नरेंद्र ने बताया कि वर्ष 2008 में उनके पिता आरसी दास की मौत हो गई थी। कड़ी मेहनत व संघर्ष के बाद उनका भाई आइपीएस बना था। वह खुद को एक कमरे में बंद कर लेता था और घंटों पढ़ाई करता रहता था। सुरेंद्र की पांच बहनें पुष्पा, आरती, सुनीता, अनीता और सावित्री हैं। सुरेंद्र के मूल निवास बलिया से उनके रिश्तेदार व परिचित लखनऊ पहुंच रहे हैं, जिसके कारण सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।