लखनऊ के कान्हा उपवन की गाय अब खाएंगी चॉकलेट
कान्हा उपवन में पशुओं के चारा पानी का इंतजाम करने के लिए आय के नए साधन खोजे जा रहे हैं।
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। नगर निगम अब कान्हा उपवन में पल रहे करीब तीन हजार गोवंश मूत्र से आय करेगा। गोनाइल बनाने के साथ ही गो-मूत्र का उपयोग दवा के रूप में किया जाएगा। इसके लिए सरोजनीनगर के कान्हा उपवन में एक प्लांट लगाया जाएगा। महाराष्ट्र की एक कंपनी गो-मूत्र का उपयोग करने के लिए तकनीकि सहयोग करेगी। नगर निगम के अधिकारियों व कंपनी प्रतिनिधियों के बीच गो-मूत्र का उपयोग करने को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा भी हो चुकी है।
अभी हर दिन कान्हा उपवन में करीब 15 हजार लीटर गो-मूत्र बेकार हो रहा है और उससे गंदगी अलग हो रही है। एक गोवंश एक दिन में करीब पांच लीटर मूत्र त्यागता है। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि केमिकल डालकर गो-मूत्र को साफ करने के साथ ही उसका गोनाइल (फिनायल की तरफ) बनाया जाएगा। इसके अलावा गो-मूत्र का शोधन कर बेचा जाएगा।
उन्होंने बताया कि गो-मूत्र से बनने वाली दवाओं को भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कान्हा उपवन में पशुओं के चारा पानी का इंतजाम करने के लिए आय के नए साधन खोजे जा रहे हैं।
चॉकलेट चाटेंगे पशु: नगर निगम अब कान्हा उपवन के लिए पशु चॉकलेट बनाएगा। गन्ना अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की मदद से यह चॉकलेट तैयार कराई जाएगी। ईंट जैसी दिखने वाली चॉकलेट का वजन करीब पांच किलो होगा। नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद राव ने बताया कि हरा चारा पर्याप्त मात्र में न मिलने पर यह चॉकलेट कारगर साबित होगी।
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कर्मचारियों को मिलेगी ट्रेनिंग: उनका कहना था कि कान्हा उपवन में पशुओं को एक तरह का ही भोजन मिलता है, जबकि बाहर वह तरह-तरह का भोजन करती हैं। इस लिए चॉकलेट में मिनरल, नमक का चूरा, मल्टी बिटामिन और चोकर मिलाया जाएगा। इसे चाटने से पशुओं को पर्याप्त मात्र में मिनरल मिलेगा। उन्होंने बताया कि कान्हा उपवन में तैनात चार कर्मचारियों को पशु चॉकलेट तैयार करने का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है और फिर कान्हा उपवन में एक प्लांट लगाया जाएगा।
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