COVID-19 Vaccine Dry Run in Lucknow: वैक्सीनेशन के रिहर्सल में लखनऊ पास, CM योगी के सवाल पर सकपकाए डॉक्टर
COVID-19 Vaccine Dry Run in Lucknow 21 कोल्ड प्वाइंट चेन से 61 अस्पतालों में वैक्सीन ट्रांसपोर्ट का ट्रायल सफल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिविल अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान सीएम के सवाल पूछने पर डॉक्टर सकपका गए।
लखनऊ, जेएनएन। COVID-19 Vaccine Dry Run in Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जल्द ही कोरोना की वैक्सीनें लगाई जाएंगी। अफसर-कर्मियों ने सोमवार को फाइनल कोरोना टीकाकरण (ड्राई रन) किया। हेल्थ टीम के रिहर्सल में लखनऊ पास हो गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सिविल अस्पताल का दौरा किया। यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अब हेल्थ वर्करों को वैक्सीन की डोज का इंतजार है।
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने का एलान किया है। ऐसे में लखनऊ में भी तय तारीख से वैक्सीनेशन के आसार हैं। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों को पुख्ता करने के लिए सोमवार को फाइनल ड्राई रन किया। 61 अस्पतालों की 200 साइट पर मुस्तैद टीमों ने वैक्सीनेशन का रिहर्सल किया। उसमें हेल्थ कर्मी पास हो गए। लाभार्थियों का वेरीफिकेशन, डाटा फीडिंग, वैक्सीनेशन, बायो वेस्ट डिस्पोज, इमरजेंसी हैंडलिंग के प्रोटोकॉल का पूर्वाभ्यास पूरा हो गया। इस दौरान केजीएमयू समेत कई केंद्रों पर कोविन एप में इंटरनेट की समस्या रही। अफसरों ने तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। अस्पतालों में 10 से 12 बजे तक चले ड्राई रन में सेंटरों पर अफसरों ने निरीक्षण किया। सिविल अस्पताल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने दौरा किया। मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया के बारे में अफसरों से जाना। केजीएमयू में डीएम अभिषेक प्रकाश, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एमके सिंह, एसीएमओ डॉ. राजेंद्र चौधरी समेत तमाम अधिकारी पहुंचे। इसके अलावा सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने विभिन्न अस्पतालों का दौरा कर व्यवस्थाओं को जांचा।
सीएम ने टोका, सिविल में तब बनीं दो साइटें
सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने दो साइटें निर्धारित की थीं। मगर, अधिकारियों ने ड्राई रन के लिए सिर्फ एक ही साइट बनाई। सवा दस बजे के करीब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औचक निरीक्षण करने अस्पताल पहुंचे। ऐसे में अस्पताल के अफसरों में हड़कंप मच गया। सीएम ने यहां के वेटिंग हाल, वैक्सीनेशन रूम, ऑब्जर्वेशन रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान एक ही साइट मिली। ऐसे में सीएमएस डॉ. एसके नंदा से सवाल किया। सीएम के सवाल करते ही डॉक्टर सकपका गए। ऐसे में जगह कम होने का हवाला दिया। इसके बाद निरीक्षण में मौजूद वरिष्ठ अफसरों ने अस्पताल के अधिकारियों को फुल फ्लैश में फाइनल ड्राई रन का निर्देश दिया। इसके बाद अस्पताल में दो साइट बनाकर रिहर्सल किया गया। ऐसे ही शहर के विभिन्न केंद्रों पर भी पूर्वाभ्यास का अफसरों ने निरीक्षण किया।
34 वाहनों से पुलिस सुरक्षा में पहुंचे कोल्ड बॉक्स
डॉ. एमके सिंह के मुताबिक, फाइनल ड्राई रन हूबहू कोरोना वैक्सीन अभियान की तर्ज पर किया गया। इसमें समय से शहर व ग्रामीण क्षेत्र के सेंटरों पर पुलिस सुरक्षा में वैक्सीन भेजने का ट्रायल किया गया। 31 सरकारी व 30 निजी अस्पतालों में बने सेंटरों पर कोल्ड बॉक्स भेजे गए। पहले डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोरेज सेंटर से 21 कोल्ड चेन प्वाइंट पर वैक्सीन भेजी गई। इन कोल्ड चेन प्वाइंट से 61 अस्पतालों में कोल्ड बॉक्स भेजे गए। शहरी क्षेत्र में पांच से 15 मिनट में कोल्ड बॉक्स अस्पताल पहुंचे। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों की 11 सीएचसी पर वाहन को 30 से 40 मिनट समय लगा। ऐसे में मुख्यालय से ग्रामीण क्षेत्र में साढ़े आठ बजे ही वाहन पुलिस सुरक्षा में रवाना कर दिए गए।
तीन हजार लाभार्थी, 1200 कर्मी
हर वैक्सीनेशन साइट पर 15 लाभार्थियों को ट्रायल के लिए भेजा गया। कुल 200 साइट पर 3000 अभ्यर्थियों को बुलाया गया। इस दौरान हर साइट पर छह सदस्यीय टीम रही। ऐसे में कुल 1200 कर्मियों की फौज ने पूर्वाभ्यास किया। रिहसर्ल में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, प्रशासन, प्राइवेट अस्पताल के नोडल ऑफिसर, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी वर्कर मौजूद रहे।
कोविन एप पर भारी पड़ा नेटवर्क, लाभार्थियों की फीडिंग फंसी
उधर, वैक्सीन के पूर्वाभ्यास में नेटवर्क की समस्या रही। ऐसे में सेंटरों पर कोविन-एप हैंग रहा। कई जगह लाभार्थियों का मिलान-फीडिंग ऑनलाइन नहीं हो सकी। फिर मैनुअल इंट्री की गई। डीएम ने सभी सेंटरों को डोंगल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि भविष्य में कोई अड़चन न रहे।
दरअसल, हेल्थ कर्मी को मोबाइल पर कोविन-एप के जरिए काम करना था। उसी पर सेंटर पहुंचे अभ्यर्थियों को मिलान करना था। केजीएमयू, लोहिया संस्थान, झलकारी, डफरिन, बलरामपुर, सिविल अस्पताल में कई बार नेटवर्क की समस्या हुई। ऐसे में हेल्थ कर्मियों ने मैनुअल इंट्री व लाभार्थियों का मिलान किया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 11 सीएचसी पर वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए। यहां भी नेटवर्क की समस्या आम रही। केजीएमयू का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि पूर्वाभ्यास में नेटवर्क की समस्या सामने आई है। सभी वैक्सीनेशन सेंटर को डोंगल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे हेल्थ कर्मी अपने मोबाइल को कनेक्ट कर सकेंगे। टीकाकरण अभियान के दौरान यह समस्या नहीं होगी। वहीं कोविन पोर्टल से जुड़ी अन्य दिक्कतों को भी दूर किया जा रहा है।
क्या है ड्राई रन ?
ड्राई रन कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन की तैयारियों को परखने की एक प्रक्रिया है। इसका मकसद, अभियान की सफलता के लिए ट्रायल कर टीम की दक्षता को मापना है। किसी बड़े मिशन की सफलता के लिए यह बेहद आवश्यक है। इसमें मिशन से जुड़ा हर अफसर, कर्मी, लाभार्थी तय गाइड लाइन, प्रोटोकॉल का पूर्वाभ्यास करता है। वहीं वैक्सीन की लगाने की प्रक्रिया आभासी होती है। इसमें खामियों को पहचानने का मौका मिल जाता है। ऐसे में अभियान में चूक की गुंजाइश नगण्य रह जाती है।
एक दिन में 17 हजार को लगेगा टीका ?
पूर्वाभ्यास 200 साइटों पर हुआ है। वहीं मुख्य टीकाकरण अभियान में 61 अस्पतालों में 170 साइटें ही रन करेंगी। इस दौरान 30 साइटें व उनकी टीमें रिजर्व में रहेंगी। ऐसे में संचालित 170 साइट पर प्रति साइट 100 लोगों को एक दिन में टीका लगेगा। यानी कि एक दिन में 17 हजार लोगों का वैक्सीनेशन होगा। लिहाजा, जिले के पंजीकृत सभी 51 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को तीन दिवसों में टीकाकरण हो जाएगा।
एक नजर में जानें
- 51 हजार हेल्थ वर्कर को पहले चरण में जनपद में लगेगी वैक्सीन
- 200 साइट अस्पतालों में बनेंगी, 30 साइट व उनकी टीमें रहेंगी रिजर्व
- 03 कमरे आरक्षित किए गए हैं हर वैक्सीनेशन सेंटर पर
- 01 कमरा वेटिंग रूम, दूसरा वैक्सीनेशन रूम, तीसरा ऑब्जर्वेशन रूम
- 04 बेड का एक अलग एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (एईएफआइ) वार्ड बना
- रिएक्शन से बचाव के लिए हर वैक्सीनेशन सेंटर पर एनाफाइलेक्सिस किट पहुंची
- 61 वैक्सीन सेंटरों पर लाभार्थियों को भर्ती करने के लिए 244 बेड रिजर्व किए गए
- 86 कर्मियों की टीम मुस्तैद रहेगी हर वैक्सीन सेंटर की एक साइट पर
- 02 एनएम, एक आशा, एक आंगनबाड़ी वर्कर, एक पुलिस कर्मी, एक होमगार्ड रहेगा हर टीम में
- 61 कुल सेंटरों में 31 सरकारी अस्पताल व 30 निजी अस्पताल हैं शामिल
- 30-40 मिनट ब्लॉक में वैक्सीन पहुंचने में, शहर में 5 से 15 मिनट लगेगा।