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COVID-19 in Lucknow: कोरोना संक्रमण के भय ने मरीजों में बढ़ा दी कैंसर की स्टेज

COVID-19 in Lucknow पहले से तीसरे व दूसरे से चौथी स्टेज तक पहुंच गया विभिन्न मरीजों का कैंसर। कोरोना संक्रमण के भय ने कई कैंसर मरीजों की स्टेज ही बढ़ा दी। अब रेडिएशन थेरेपी से किया जा रहा बीमारी को री-स्टेज।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 04:44 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 04:44 PM (IST)
COVID-19 in Lucknow: कोरोना संक्रमण के भय ने मरीजों में बढ़ा दी कैंसर की स्टेज
COVID-19 in Lucknow: पहले से तीसरे व दूसरे से चौथी स्टेज तक पहुंच गया विभिन्न मरीजों का कैंसर।

लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन और उसके बाद कोरोना संक्रमण के भय ने कई कैंसर मरीजों की स्टेज ही बढ़ा दी। इससे उनके जीवन के सामने खतरा पैदा हो गया। लोहिया संस्थान में ऐसे कई कैंसर मरीज सामने आए हैं, जो लॉकडाउन की वजह से अस्पताल नहीं आ सके। वहीं कुछ मरीज लॉकडाउन हटने के बाद भी संक्रमण की आशंका से अपनी थेरेपी कराने समय पर नहीं आए। इससे उनका कैंसर आखिरी स्टेज तक पहुंच गया। अब ऐसे मरीजों की फिर से जांच कर उनकी बीमारी को री-स्टेज किया जा रहा है।

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लोहिया संस्थान में रेडियो ऑकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ मधुप रस्तोगी बताते हैं कि यहां रेडिएशन ऑकोलॉजी की सेवाएं लॉकडाउन के दौरान भी जारी थीं, लेकिन ज्यादातर मरीज डर की वजह से अपना इलाज कराने नहीं आ रहे थे। लिहाजा उनकी बीमारी पहली से दूसरी, तीसरी और आखिरी स्टेज तक पहुंच गई। जब उन्हें ज्यादा दिक्कत महसूस हुई तब वह आए। यहां फिर से जांच किए जाने पर बीमारी की स्टेज बढ़ने का पता चला। अब उनकी री-स्टेजिंग कर फिर से इलाज शुरू किया गया है। 

केस-1

बहराइच निवासी एक मरीज के जीभ में पिछले हिस्से का कैंसर था, जो कि शुरुआत में दूसरे स्टेज में था। मार्च 2020 में उनकी कीमोथेरेपी की गई थी। साथ-आठ बाद वह नवंबर में अस्पताल आए। इससे उनकी बीमारी चौथे स्टेज में चली गई। 

केस-2

बाराबंकी निवासी एक महिला को तीसरे स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर का ऑपरेशन मार्च में हो चुका था। आधे कीमोथेरेपी हुई थी। उसके बाद लॉकडाउन हो गया। फिर वह सितंबर में आई। उनकी बीमारी बढ़ने लगी थी। अब उनकी पूरी कीमोथेरेपी कंप्लीट कर दी गई है। अभी रोग मुक्त हैं।

केस-3

जौनपुर निवासी एक मरीज को आहार नाल में कैंसर था। मार्च 2020 में उनका पंजीकरण हुआ था। उस समय तक वह रोटी खाने में सक्षम थे। लॉकडाउन हो जाने से उनका इलाज बंद हो गया। इससे वह खाने पीने में भी अक्षम हो गए। अक्टूबर में वह संस्थान आए तो उनकी जांच कर इलाज शुरू किया गया। अब फिर से वह दलिया, भिगोई रोटी इत्यादि खाने में सक्षम हो गए हैं। 

केस-4: अंबेडकर निवासी एक मरीज की बच्चेदानी में दूसरे स्टेज का कैंसर था। मगर वह कोरोना की डर से जनवरी 2021 में आई। अब उनका कैंसर चौथी स्टेज में है। साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में भी कैंसर बढ़ गया। कीमोथेरेपी से उनका इलाज किया जा रहा है। 


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