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किसान के ट्रैक्‍टर की नीलामी पर कोर्ट ने यूपी सरकार व बैंक पर लगाया 10 लाख का जुर्माना, वसूली प्रक्रिया में हुई मनमानी

यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने राज्य सरकार और यूनियन बैंक की अलग-अलग अपीलों को खारिज करते हुए पारित किया। उक्त अपीलों में एकल पीठ के 18 जुलाई 2012 के आदेश को चुनौती दी गई थी।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 02:27 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 06:19 PM (IST)
किसान के ट्रैक्‍टर की नीलामी पर कोर्ट ने यूपी सरकार व बैंक पर लगाया 10 लाख का जुर्माना, वसूली प्रक्रिया में हुई मनमानी
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच कोर्ट ने कहा किसान के ट्रैक्टर की मनमानी नीलामी पर लगाया गया हर्जाना सही।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। हाई कोर्ट ने एक किसान के ट्रैक्टर की मनमाने तरीके से नीलामी के मामले में राज्य सरकार और यूनियन बैंक आफ इंडिया पर लगे दस लाख रुपये के हर्जाने को उचित ठहराया है।

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यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने राज्य सरकार और यूनियन बैंक की अलग-अलग अपीलों को खारिज करते हुए पारित किया। उक्त अपीलों में एकल पीठ के 18 जुलाई 2012 के आदेश को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने पाया था कि बाराबंकी निवासी किसान जयसिंह ने वर्ष 2000 में ट्रैक्टर खरीदने के लिए यूनियन बैंक से दो लाख रुपये कर्ज लिया था। बाद में वह किस्तों का भुगतान नहीं कर सका। इस दौरान वर्ष 2008 में कर्ज माफी योजना के तहत उसके कर्ज को माफ कर दिया गया व उस पर मात्र 47 हजार 59 रुपये का कर्ज बकाया रह गया। कर्ज के बचे हुए इस हिस्से के लिए जयसिंह का ट्रैक्टर वर्ष 2009 में नीलाम कर दिया गया। एकल पीठ ने पाया था कि वसूली की प्रक्रिया मनमाने तरीके से की गई। नीलामी की तिथि को भी अधिसूचित नहीं किया गया। एकल पीठ ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को देखकर लगता है कि याची की संपत्ति हड़पने के लिए ऐसा किया गया। एकल पीठ ने किसान को दस लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश बैंक, राजस्व अधिकारियों और राज्य सरकार को दिया। इस आदेश को राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में व बैंक ने 2012 में चुनौती देते हुए अपीलें दाखिल कीं थीं।

तीन माह में भर दिए जाएंगे उपभोक्ता आयोगों के रिक्त पद: हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से भरोसा दिया गया है कि जिला उपभोक्ता आयोगों में रिक्त चल रहे पदों को तीन माह में भर दिया जाएगा। सरकार के इस आश्वासन पर न्यायालय ने विभाग के प्रमुख सचिव को दस दिन में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूॢत रितुराज अवस्थी और न्यायमूॢत दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने संतोष कुमार विश्वकर्मा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर जवाब देते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि चयन समिति का गठन कर लिया गया है। तीन माह में सभी पदों को भर लिया जाएगा।


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