लखनऊ में अब कोरोना जांच के बाद ही बजेगा बैंड, कैटरर्स के भी नमूने लेगी टीम
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक ही दिन दर्जनों कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान शारीरिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल होगा। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने अब शादी में आने वाले बैंड कर्मियों कैटरर्स टेंट वालों इत्यादि की भी कोरोना जांच करने का फैसला किया है।
लखनऊ, जेएनएन। दीपावली और छठ पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण को रोकने की कड़ी चुनौतियों का सामना स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी कर ही रही थी कि उसके सामने सहालग की एक नई चुनौती आकर खड़ी हो गई है। प्रशासन व शासन की ओर से भले ही ऐसे आयोजनों में लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है, लेकिन इस संख्या के पैमाने को बनाए रखना व इस दौरान होने वाले संक्रमण को रोकना प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम के लिए आसान नहीं होगा।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक ही दिन दर्जनों कार्यक्रम आयोजित होंगे। ऐसे में एक-एक कार्यक्रम में सौ-सौ लोगों के जुटने से भी अलग-अलग जगहों पर बड़ी भीड़ इकट्ठा हो जाएगी। इस दौरान शारीरिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल होगा। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने अब शादी में आने वाले बैंड कर्मियों, कैटरर्स, टेंट वालों इत्यादि की भी कोरोना जांच करने का फैसला किया है।
एसीएमओ डॉ मिनिन्द वर्धन ने बताया कि एक से तीन दिसंबर तक तीन दिन का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत रोज शहर के सभी इलाको में रहने वाले टेंट कर्मी, कैटर्स और बैंड बाजा वाले मजदूरों की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी। ताकि इनके जरिए कार्यक्रमों में आने वाले लोगों में संक्रमण की गुंजाइश ना रहे। उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी कैटर्स, बैंड कर्मी, टेंट कर्मी इत्यादि का डाटा जुटाया जा रहा है। कोशिश है कि ऐसे आयोजनों में भाग लेने वाले विभिन्न मजदूरों की जांच की जाए। क्योंकि इनकी बुकिंग लगातार कई कार्यक्रमों में रहती है। इसलिए वह एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं। ऐसे में इनके जरिए संक्रमण की गुंजाइश सबसे अधिक होती है।