PPE किट सप्लाई मामले में UP के स्वास्थ्य विभाग ने कहा- गलती से भेजी स्वाइन फ्लू किट
प्रमुख सचिव स्वास्थ अमित मोहन प्रसाद ने मीडियाकर्मियों के सवाल के जवाब में कहा कि पुरानी किट ही गलती से दोनों मेडिकल कॉलेजों में पहुंच गईं थी और इसके कारण गलतफहमी हुई।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus : उत्तर प्रदेश में मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज और नोएडा के जीआइएमएस मेडिकल कॉलेज में भेजी गईं पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अब कहा है कि गलती से स्वाइन फ्लू की किट भेज दी गई थी। समय रहते दोनों ही मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों ने गलती पकड़ ली वरना कोरोना वायरस वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर व स्टाफ को भारी कीमत चुकानी पड़ती।
यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड ने प्रदेश भर के सभी ड्रग वेयर हाउस को निर्देश दिए हैं कि वह प्राइम वीयर हाइजीन इंडिया प्रोडक्ट लिमिटेड द्वारा भेजी गई पीपीई किट को अस्पतालों से मंगाकर वेयर हाउस में जमा करवा लें। इसकी जगह कोरोना वायरस से संक्रमण के बचाव के लिए खरीदी गईं पीपीई किट भेज दें।
प्रमुख सचिव स्वास्थ अमित मोहन प्रसाद ने मीडियाकर्मियों के सवाल के जवाब में कहा कि यह पीपीई किट अक्टूबर 2019 में खरीदी गई थीं। तब एक किट 115 रुपये की थी और अब जो किट मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा खरीदी जा रही है वह 1073 रुपये की है। उन्होंने कहा कि ये पुरानी किटें वापस मंगाई गई हैं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि यह स्वाइन फ्लू की किट गलती से दोनों मेडिकल कॉलेजों में पहुंच गईं थी और इसके कारण गलतफहमी हुई। फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन दो मेडिकल कॉलेजों से शिकायत आई थी, वहां तत्काल नई किट भेज दी गई है। विभाग पूरी तरह सर्तक है कि किसी भी तरह की लापरवाही न हो।
महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिख की थी शिकायत
बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों को बचाव के लिए दी जाने वाली पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट की घटिया सप्लाई का मामला सामने आने के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। जीआइएमएस नोएडा और एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्यों ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. केके गुप्ता को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उनके यहां जो पीपीई किट सप्लाई की गई है उसकी क्वालिटी घटिया है। इसका प्रयोग करने पर इलाज कर रहे डाक्टरों को संक्रमण हो सकता है। इसकी सप्लाई यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा की गई थी फिलहाल इसे वापस करने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना का कहना था कि कि पीपीई किट की एक लाट में करीब 100 किट खराब होने की शिकायत सामने आई है। फिलहाल इसे वापस कर दूसरी किट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।