Coronavirus : उत्तर प्रदेश में कोरोना जांच का बढ़ेगा दायरा, अब प्रतिदिन 6500 नमूनों का होगा टेस्ट
Coronavirus मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा यूनिवर्सिटी और संजय गांधी पीजीआई के लिए दो कोबास मशीनें खरीदने को मंजूरी दे दी है।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus : यूपी में कोरोना वायरस के बढ़ रहे मरीजों के बीच राज्य की योगी सरकार लगातार जांच का दायरा बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है। अभी प्रतिदिन तकरीबन 3500 नमूने जांचे जा रहे हैं लेकिन जल्द ही जांच का दायरा बढ़ेगा और प्रतिदिन 6500 नमूनों की जांच हो सकेगी। इसके लिए दो कोबास मशीनें और 15 आटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीन खरीदी जाएंगी। वहीं नोएडा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिक्स (एनआईबी) में यूपी के 500 नमूने प्रतिदिन जांचने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र भी लिखा है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) और संजय गांधी पीजीआई के लिए दो कोबास मशीनें खरीदने को मंजूरी दे दी है। इन मशीनों की मदद से प्रत्येक संस्थान में 1200 नमूने प्रतिदिन जांचे जा सकेंगे। दो मशीन खरीदने पर नौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्री ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा 160 आटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीनें खरीदी जा रही हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर इनमें से 15 मशीने प्रदेश को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इन मशीनों की मदद से यूपी की 17 लैब में जांच और तेजी से की जा सकेगी। खन्ना ने बताया कि एनआईबी नोएडा में लगी कोबास 6800 मशीन की प्रतिदिन एक हजार नमूने जांचने की क्षमता है, लेकिन उसमें न पूरी क्षमता से जांच हो रही है और न ही यूपी के ज्यादा नमूनों की जांच की जा रही है। चूंकि प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है इसलिए उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर एनआइबी नोएडा से प्रतिदिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 500 नमूनों की जांच कराए जाने का अनुरोध किया है।
कोविड-19 अस्पतालों में 1326 वेंटिलेटर की व्यवस्था
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोविड-19 अस्पतालों में अब तक 1326 वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा चुकी है। मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हो रहे गंभीर मरीजों को जरूरत के अनुसार वेंटिलेटर उपलब्ध करवाया जा रहा है।