कोरोना के मरीज घटे, अस्पतालों में ICU व वेंटीलेटर भी हुए खाली
कोरोना संक्रमण पर धीरे-धीरे स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा कसने लगा है। कुछ हफ्ते पहले तक जहां कोविड अस्पतालों में आइसीयू व वेंटिलेटर के लिए मारामारी थी। वहीं अब कोरोना वायरस के मरीजों में कमी आने के साथ ही वेंटिलेटर व आइसीयू भी खाली हो रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण पर धीरे-धीरे स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा कसने लगा है। कुछ हफ्ते पहले तक जहां कोविड अस्पतालों में आइसीयू व वेंटिलेटर के लिए मारामारी थी। तो वहीं एक-दो दिनों से भारी राहत महसूस की जा रही है।
अब राजधानी के ज़्यादातर कोविड अस्पतालों में आइसीयू व वेंटीलेटर दोनों खाली हो गए हैं। लेवल-2 लोकबंधु कोविड अस्पताल में भी 12 वेंटिलेटर व आइसीयू के करीब 23 बेड खाली चल रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं कम हुई हैं।सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि ज्यादातर निजी कोविड अस्पतालों में भी वेंटिलेटर व आइसीयू के बेड खाली चल रहे हैं। अब कोरोना मरीजों को इसके लिए बहुत ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। हालांकि केजीएमयू, लोहिया संस्थान व एसजीपीजीआइ में अभी भी कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसीयू व वेंटिलेटर लगभग फुल चल रहे हैं, लेकिन पहले से लोड काफी हद तक कम जरूर हुआ है। पहले यहां भी मरीजों को बेड व वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहे थे, लेकिन अब आइसीयू से मरीज डिस्चार्ज भी ठीकठाक संख्या में हो रहे हैं। इससे गंभीर मरीजों को बेड व वेंटिलेटर मिलता रहता है। रोजाना कुछ वेंटिलेटर खाली होते रहते हैं, लेकिन शाम या रात होते-होते वह फिर भर जाते हैं। अब राहत की बात यही है कि मरीजों को बहुत भटकना नहीं पड़ रहा। उन्हें थोड़े बहुत इंतजार के बाद आइसीयू व वेंटिलेटर उपलब्ध हो रहा है।लोकबंधु अस्पताल की सीएमएस डॉ अमिता यादव ने बताया कि हमारे यहां 12 वेंटिलेटर हैं। गंभीर मरीज इन दिनों नहीं आने से सभी वेंटिलेटर खाली हो गए हैं।
आइसीयू में भी सिर्फ पांच-सात मरीज ही भर्ती हैं। इससे हम सभी राहत महसूस कर रहे हैं। करीब 200 बेडों की क्षमता वाला यह अस्पताल पहले जहां कोरोना मरीजों से लगभग फुल रहता था तो वहीं अब यहां केवल 40 कोरोना मरीज ही भर्ती हैं। वहीं सीतापुर रोड स्थित आरएसएम अस्पताल में करीब एक माह से दो से पांच मरीज ही भर्ती चल रहे हैं। यहां करीब 85 बेड खाली हैं।