Coronavirus : दिल्ली में तब्लीगी मरकज में शामिल हुए थे यूपी के 157 से ज्यादा लोग, मचा हड़कंप
Coronavirus दिल्ली के निजामुद्दीन में जिस तब्लीगी मरकज में कोरोना के संदिग्ध पाए जाने की बात सामने आई है उसमें उत्तर प्रदेश के भी 157 से ज्यादा लोग गए थे।
लखनऊ, जेएनएन। दिल्ली के निजामुद्दीन में जिस तब्लीगी मरकज में कोरोना के संदिग्ध पाए जाने की बात सामने आई है, उसमें उत्तर प्रदेश के भी 157 से ज्यादा लोग गए थे। इसकी सूचना के बाद शासन में हड़कंप मच गया। तब्लीगी मरकज में गए उत्तर प्रदेश के लोगों के बारे जानकारी जुटाने के लिए डीजीपी मुख्यालय ने एक पत्र जारी कर सभी जिलों से जानकारी मांगी है।
सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश से गए सभी लोग दिल्ली में हैं और उन्हें वहां के अस्पतालों में क्वारंटाइन किया गया है। इस सूचना के बाद शासन ने राहत की सांस ली है। उत्तर प्रदेश की सीमाएं सील कर दी गईं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि प्रदेश के जो लोग जहां हैं, वहीं रुकें। उनकी सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। फिलहाल किसी को सीमा पार नहीं करने दिया जाएगा। बताया गया कि जमात में लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर के लोग शामिल होने गए थे।
तब्लीगी मरकज में शामिल छह की तेलंगाना में हुई है मौत
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 से 15 मार्च के बीच तब्लीगी मरकज में शामिल छह लोगों की तेलंगाना में मौत हो गई। निजामुद्दीन के मरकज में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे, जिनमें से कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। मरकज में तेलंगाना के भी कुछ लोग शामिल हुए थे। इन छह लोगों में से हैदराबाद के गांधी अस्पताल में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि दो निजी अस्पतालों में एक-एक व्यक्ति ने दम तोड़ा है। निजामाबाद और गडवल कस्बे में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
दिल्ली में तब्लीगी मरकज से जुड़ें 24 लोग पॉजिटिव
दिल्ली में तब्लीगी मरकज मरकज से जुड़े 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा 228 संदिग्ध मरीज भी दिल्ली के दो अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। इनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इस तरह से कुल 252 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। तब्लीगी का मतलब धर्म के विस्तार की शिक्षा और मरकज उसका मुख्यालय है। निजामुद्दीन स्थित इस केंद्र का मुसलमानों के लिए काफी महत्व है और धर्म के प्रचार-प्रसार का कार्य यहां से संचालित होता है। एक समय में इसमें करीब डेढ़ हजार लोग शामिल होते हैं। 15 मार्च के बाद भी यहां विदेशी आते रहे। जिस समय लॉकडाउन हुआ, उस सयम यहां 1500 लोग मौजूद थे।