Coronavirus Effect : किशोर गृह के एक हजार से अधिक बच्चे हो सकते हैं रिहा, यूपी सरकार कर रही विचार
Coronavirus Effect सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार जेलों में भीड़ कम करने का प्रयास कर रही है।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Effect : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किशोर गृहों में बंद एक हजार से अधिक बच्चों को रिहा कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका खाका तैयार कर लिया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के सामने महिला कल्याण विभाग अपना प्रस्ताव रखेगा। अगर समिति की हरी झंडी मिली तो राज्य के 24 किशोर गृहों में बंद करीब एक हजार से अधिक बच्चे रिहा हो जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार जेलों में भीड़ कम करने का प्रयास कर रही है। इसी के तहत सरकार ने करीब 11 हजार कैदियों को रिहा करना शुरू भी कर दिया है। वहीं, प्रदेश में 24 किशोर गृह भी हैं। इनमें 2260 बच्चे रह रहे हैं। ज्यादातर गृहों की हालत यह है कि वहां क्षमता से अधिक बच्चों को रखा गया है। प्रदेश सरकार इन गृहों से भी बच्चे रिहा करने की योजना बना रही है।
महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट गृहों से बच्चों की रिहाई के संबंध में तीन अप्रैल को होने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सामने रखी जाएगी। यह समिति हाईकोर्ट के जज जस्टिस पीके जायसवाल की अध्यक्षता में गठित है। इसमें अपर मुख्य सचिव गृह व डीजी जेल सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि करीब एक हजार से अधिक बच्चों की सूची तैयार की है, जिनमें से 250 को छोटे-मोटे मामलों के लिए किशोर गृह में रखा गया है।