स्वाइन फ्लू की तरह ही कोरोना वायरस का संक्रमण, न हो परेशान-केवल बरतें सावधानियां
फिलहाल राजधानी लखनऊ में नहीं है जांच की सुविधा लक्षण के आधार पर आशंका।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के लक्षण हैं तो उन्हें आइसोलेशन में रखने की जरूरत है। कोरोना वायरस का संक्रमण एकदम स्वाइन फ्लू वायरस के संक्रमण के लक्षण प्रकट करता है। इस संक्रमण के पुष्टि के लिए फिलहाल कोई जांच लखनऊ के किसी संस्थान में नहीं है और न ही कोई वैक्सीन है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी पुणे में जांच की सुविधा है। रीयल टाइम पीसीआर तकनीक से जांच की जाती है। फिलहाल यहां केवल लक्षण के आधार पर ही कोरोना संक्रमण की आशंका का पता लगाया जा सकता है। संजय गांधी पीजीआइ के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रो. जिया हाशिम ने कहा कि इस संक्रमण को लेकर बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। केवल लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है।
यह है कोरोना वायरस
यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के जरिये फैलता है। दुनिया के तमाम देशों में यह वायरस चीन से आने वाले यात्रियों के जरिये ही पहुंच रहा है। इस वायरस के लक्षण निमोनिया की तरह ही है। समुद्री जीव-जंतुओं के जरिये यह वायरस फैलता है।
कोरोना वायरस के लक्षण
- बुखार
- सांस लेने में दिक्कत
- सर्दी-जुकाम
- खांसी
- नाक का लगातार बहना
- सिर में दर्द
संक्रमण से बचने के लिए करें ये उपाय
- किसी भी देश की यात्रा करने के दौरान मीट खाने से बचें। अगर किसी को जुकाम-खांसी, फीवर, नाक बहने जैसी दिक्कतें हैं तो ऐसे यात्रियों से दूरी बनाकर रखें
- किसी भी चीज को छूने या इस्तेमाल करने के बाद साबुन से हाथ धोना जरूरी है। साथ ही सहयात्रियों के साथ खाना-पीना शेयर करने से बचें।
- खांसते या छींकते हुए मुंह पर रुमाल रखें। हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करते रहें
- यात्रा के लिए निकलने से पहले पूरी नींद लें और खाली पेट किसी सफर के लिए न निकलें।
श्वसन तंत्र को वायरस लेता है गिरफ्त में
कोरोना वायरस में किसी भी तरह की कोई एंटीबायोटिक काम नहीं करती है। फ्लू में दी जाने वाली एंटीबायोटिक भी इस वायरस में काम नहीं करती है। अंगों को फेल होने से बचाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ दिया जाता है। सिवीर एक्यूट रेस्परटॉरी सिंड्रोम (गंभीर श्वसन लक्षण) और मिडिल इस्टर्न रेस्परटॉरी सिंड्रोम दोनों तरह की परेशानी कोरोना वायरस से होता है।