Cooperative Department Recruitment Scam: सेवामंडल के अध्यक्ष रामजतन यादव की होगी संपत्ति की जांच
Cooperative Department recruitment scam एसआइटी ने शासन से की संपत्तियों की जांच कराने की सिफारिश। कंप्यूटर एजेंसी के साथ मिलकर ओएमआर शीट में कराई थी धांधली। इसमें मामले में एसआइटी ने अब तक अलग-अलग सात मुकदमे दर्ज किए हैं।
लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। सपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित सहकारिता भर्ती घोटाले में उप्र सहकारी संस्थागत सेवामंडल के पूर्व अध्यक्ष रामजतन यादव की मुश्किलें जल्द और बढ़ सकती हैं। विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने शासन से पूर्व अध्यक्ष रामजतन यादव की संपत्तियों की जांच कराए जाने की सिफारिश की है। जल्द उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले की विजिलेंस जांच शुरू हो सकती है। सहकारिता भर्ती घोटाले में एसआइटी अलग-अलग सात मुकदमे दर्ज कर चुकी है। एसआइटी की जांच में ओएमआर शीट में गड़बड़ी कर बड़े पैमाने पर धांधली किए जाने की बात पहले ही सामने आ चुकी है।
सहकारिता विभाग की विभिन्न संस्थाओं में वर्ष 2012 से 2017 के मध्य अलग-अलग पदों पर हुई भर्तियों में धांधली के मामले में कई अन्य अधिकारियों की भी मुश्किलें बढऩा तय हैं। एसआइटी ने उप्र राज्य भंडारण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ओमकार यादव, सेवामंडल के तत्कालीन सचिव भूपेंद्र कुमार व राकेश कुमार मिश्र, तत्कालीन सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव, कंप्यूटर एजेंसी एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संचालक राम प्रवेश यादव व अन्य के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की हैं। इनमें रामजतन यादव छह मुकदमों में नामजद आरोपित हैं।
एसआइटी ने सबसे पहले अक्टूबर, 2020 में कोआपरेटिव बैंक में सहायक प्रबंधक के पदों पर भर्ती में धांधली के मामले में एफआइआर दर्ज की थी, जिसमें उप्र कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हीरा लाल यादव व रविकांत सिंह तथा उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव समेत अन्य को आरोपित बनाया गया था। बीते दिनों एसआइटी ने सहकारिता विभाग की अन्य संस्थाओं में अलग-अलग पदों पर हुई भर्ती में धांधली के साक्ष्य जुटाने के बाद छह अन्य मुकदमे दर्ज किए थे। अभी सभी मुकदमों की विवेचना की जा रही है।