वेतन नहीं मिलने से एसजीपीजीआइ संविदाकर्मियों ने घेरा प्रशासनिक भवन, एक नर्स बेहोश हो गिरी
एसजीपीजीआइ के संविदा तकनीशियनों को अक्सर समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। उनका नवंबर का वेतन अभी नहीं आया है। जबकि दिसंबर बीतने को है। ऐसे में संविदाकर्मियों को अपना रोजाना का खर्च चलाना और बच्चों की फीस पढ़ाई का बोझ उठा पाना भी मुश्किल हो गया है।
लखनऊ, जासं। लखनऊ के रायबरेली रोड स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के संविदा तकनीशियनों को अक्सर समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। संस्थान के आउट सोर्स नर्सेज, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, डायटीशियन , फिजियोथेरिपिस्ट वेतन न मिलने से नाराज होकर संस्थान के प्रशासनिक भवन के सामने सांकेतिक धरना देकर प्रशासन से समय पर वेतन देने की गुहार लगायी। निदेशक प्रो.आरके धीमन इसी बीच प्रशासनिक भवन पहुंचे तो उनकी बात सुनने लगे। इसी बीच एक स्टाफ नर्स रो –रो कर अपनी परेशानी कहते –कहते बेहोश होकर गिर पड़ी। साथियों ने पानी का छींटा मारा। काफी देर बाद होश में आयी।
निदेशक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समय से वेतन सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। कर्मचारियों का कहना है कि इतना कम वेतन( 11 से 17 हजार) मिलता है, जिसमें बड़ी मुश्किल से हम लोग जीवन यापन करते है। समय से वेतन न मिलने के कारण दुकानदार, मकान मालिक की बात सुननी पड़ती है। परिवार का पेट पालना कठिन होता है। कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री का आदेश है कि हर माह के सात तारीख तक वेतन दिया जाए। लेट होने पर ब्याज देने तक निर्देश हैं, लेकिन इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। एजेंसी का कहना है कि हम लोगों ने पूरी प्रक्रिया करके संस्थान को वेतन भुगतान करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन हम लोगों को पैसा नहीं मिला, जिसके कारण वेतन का भुगतान समय से नहीं पाया।
संविदाकर्मियों के अनुसार उनका नवंबर का वेतन अभी तक नहीं आया है। जबकि दिसंबर बीतने में भी महज कुछ दिनों का समय शेष रह गया है। ऐसे में संविदाकर्मियों को अपना रोजाना का खर्च चलाना और बच्चों की फीस, पढ़ाई का बोझ उठा पाना भी मुश्किल हो गया है। इस वजह से नाराज आउटसोर्स नर्सेज़ व तकनीशियन ने सोमवार को एसजीपीजीआइ के प्रशासनिक भवन का घेराव किया। प्रतिमाह वेतन भुगतान में हो रहे विलंब को लेकर सबसे पहले प्लाज़ा पर कर्मचारी एक जुट हुए और देर तक अपने वेतन की मांग समेत अन्य विसंगतियों को लेकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि न्यूनतम वेतन पर काम करने के बाद भी सैलरी समय से नहीं मिल पाती, जिसके कारणवश उनके सामने परिवार को पालने का संकट आ खड़ा होता है। इसलिए सभी संविदा तकनीशियन और आंदोलन करने को बाध्य हो रहे हैं। कर्मियों ने हाथ में पोस्टर-बैनर लिए समय पर वेतन दिए जाने की मांग की। वह देर तक प्रशासनिक भवन का घेराव करते रहे। सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि उनके वेतन का भुगतान समय से कराना सुनिश्चित किया जाए। ताकि संविदकर्मी अपने परिवार की रोजी-रोटी चला सकें।