लाखों की कमाई डकार गया डाकघर का सर्वर, अब चक्कर काट रहे खाता धारक
डाकघर को सीबीएस जैसी तकनीक से किया गया अपग्रेड। कुल जमा राशि से भी बहुत कम रुपये अब दिखा रहा बैलेंस।
लखनऊ(निशात यादव)। डाकघर को कोर बैंकिंग सोल्यूशन (सीबीएस) जैसी तकनीक से अपग्रेड तो कर दिया गया, लेकिन एक नई मुसीबत उसके कई उपभोक्ताओं के सामने आ गयी है। खाते को अपग्रेड करते समय पासबुक में दर्ज राशि की फीडिंग सही नहीं की गई। जिस कारण कई उपभोक्ताओं के पासबुक में दर्ज राशि गलत फीड कर दी गई। इन उपभोक्ताओं के पासबुक में दर्ज धनराशि से बहुत कम ही अब सीबीएस में दिख रही है। ऐसे में अपनी पूरी राशि हासिल करने के लिए उपभोक्ता डाकघरों के चक्कर काट रहे हैं।
शिकायत पत्र लेकर चक्कर काट रहे उपभोक्ता, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं
बड़ा चादगंज निवासी वयोवृद्ध महेश नारायण सक्सेना का महानगर डाकघर में खाता है। इन्होंने बताया कि खाते में 2.70 लाख रुपये जमा हैं, लेकिन जबसे सीबीएस में अपग्रेड किया गया तो उनका बैलेंस ही उड़ गया। अब उनके खाते में मात्र 18 हजार रुपये दिख रहा है। महेश हर 10 दिन में डाक विभाग को पत्र लिख रहे हैं। खाता अब तक संशोधित नहीं किया गया है।
वहीं, आलमबाग के प्रमोद कुमार गुप्ता का खाता मानसनगर डाकघर में है। इनके मुताबिक, खाते में 13044 रुपये थे, लेकिन जब इस डाकघर को भी सीबीएस किया गया तो उनके बचत खाते में केवल 4986 रुपये ही बचे हैं।
बचत धारकों ने अपने शिकायत पत्र डाकघरों में भी दिए हैं। बचत धारकों के मुताबिक, बार-बार उनसे डाकघर में शिकायत पत्र लिया जाता है, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
इतने खाते हुए हैं सीबीएस
डाक विभाग ने पिछले तीन साल के दौरान लखनऊ के 128 में से 120 डाकघरों को सीबीएस कर दिया है। अधिकाश शिकायतें महानगर, मानकनगर, विकासनगर और इंदिरानगर के डाकघरों की हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
लखनऊ मंडल प्रवर डाक के अधीक्षक शशि कुमार उत्तम के मुताबिक, डाकघरों को सीबीएस करते समय बचत धारकों से उनकी पासबुक को अपग्रेड कराने की अपील की गयी थी। बार-बार अपील के बावजूद कुछ उपभोक्ताओं ने अपनी पासबुक की डिटेल नहीं दी। जिस वजह कुछ मामले खातों में जमा राशि की गलत फीडिंग के आए हैं। हालाकि जो भी बचत धारकों की शिकायतें आती हैं उनका निस्तारण भी हो रहा है।