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यूपी में फिल्म सिटी योगी को बनाएगी सियासत का 'एक्शन हीरो', पूरी होगी सफलता की कहानी

उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव 2022 में होने हैं। लिहाजा अब हर दल की गतिविधि का सीधा असर चुनावों पर दिखेगा। यूपी फिल्म सिटी का पहला सपना 60 के दशक में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता ने दिखाया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 01:05 AM (IST)
यूपी में फिल्म सिटी योगी को बनाएगी सियासत का 'एक्शन हीरो', पूरी होगी सफलता की कहानी
फ्लॉप शो साबित रहीं पुरानी सरकारों की घोषणाएं, अब पूरी होगी सफलता की कहानी।

लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। राजनीति पर तो फिल्में बहुत बनती हैं, फिलहाल मौका फिल्मों पर राजनीति की चर्चा का है। मसला एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के नए ठिकाने और रोजगार की संभावनाओं के साथ शुरू हुआ। प्रदेशवासियों की उम्मीदों के कैमरे के सामने दो मुख्यमंत्री 'हिट डायलॉग' के बाद फिल्म सिटी बनाने का एक्शन पूरा न कर पाए। अबकी बार अभिनेता सुशांत की मौत के मामले ने इस पुरानी कहानी में इमोशन क्या डाले, पूरा सीन बदलता नजर आ रहा है। कुछ माह पहले ही ट्रेलर दिखाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे एक्शन-रोल में हैं कि 2022 में फिल्म सिटी की रिलीज डेट भी आ गई। ऐसा हुआ तो चुनावी मंचों से भी विकास का नया तराना गूंजना तय है।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव 2022 में होने हैं। लिहाजा अब हर दल की गतिविधि का सीधा असर चुनावों पर दिखेगा। निस्संदेह विकास कार्य हर सरकार कराती है। सपा शासन में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, गोमती रिवर फ्रंट, लखनऊ मेट्रो जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आए, जिसके बलबूते तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 'काम बोलता है...' गीत गुनगुनाते चुनाव मैदान में उतरे। हालांकि, जनता का दिल न जीत सके। सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी ने विकास के एजेंडे को रफ्तार के ट्रैक पर उतारा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लि‍ंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर सहित लगभग एक दर्जन हवाई अड्डे जमीन पर उतार दिए। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन का अधिग्रहण चल रहा है। इसके साथ ही एक बड़ा प्रोजेक्ट यूपी फिल्म सिटी के रूप में सामने आया है, जो पिछली सरकारों से योगी सरकार की तुलना का एक बड़ा पैमाना बन सकता है।

दरअसल, यूपी फिल्म सिटी का पहला सपना 60 के दशक में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता ने दिखाया था, जो सिर्फ घोषणा ही रही। फिर 2012 में सपा सरकार आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी को फिल्म सिटी की अधूरी कहानी दिखाई। उन्होंने ट्रांसगंगा सिटी और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे दो जगह जमीन चिह्नित की। इनमें ट्रांसगंगा सिटी परियोजना खुद ही लटकी रही। वहीं, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे जमीन के दाम फिल्म निर्माताओं को बिदकाते रहे। 

पिछले वर्ष जब सुशांत केस सामने आया तो क्षेत्रीय खींचतान शुरू हुई। योगी ने बॉलीवुड के एक विकल्प के रूप में यूपी फिल्म सिटी की न सिर्फ घोषणा की, बल्कि लखनऊ में बॉलीवुड के दिग्गज निर्माता-निर्देशक, अभिनेता, कलाकारों का जमावड़ा लगा दिया। मुंबई में भी जाकर बैठक की। गौतमबुद्ध नगर में एक हजार एकड़ में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी की डीपीआर भी कंसल्टेंट कंपनी सीबीआरई ने बना ली है। योगी ने 2022 में शूटि‍ंंग शुरू करने का लक्ष्य रखा है। ऐसा संभव हो पाया तो यूपी नए आकर्षण के रूप में उभरेगा और सूबे की राजनीति में योगी नए एक्शन हीरो के रूप में नजर आ सकते हैं।

'कंसल्टेंट ने डीपीआर बना ली है। अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी और मई से फिल्म सिटी का निर्माण शुरू हो जाएगा। पूरी तैयारी है कि 2022 से यहां फिल्मों की शूटि‍ंग शुरू हो जाए। कई निर्माता-निर्देशक शूटि‍ंंग के लिए इंतजार भी कर रहे हैं।    -डॉ. नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव, सूचना  


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