गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमलों के विरोध में कांग्रेस का आक्रोश प्रदर्शन, भाजपा का पुतला फूंका
गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले होने और पलायन की स्थिति उत्पन्न किए जाने पर आक्रोश जताते कांग्रेस ने मंगलवार को सभी जिला केंद्रों में प्रदर्शन किया।
लखनऊ (जेएनएन)। गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले होने और पलायन की स्थिति उत्पन्न किए जाने पर आक्रोश जताते कांग्रेस ने मंगलवार को सभी जिला केंद्रों में प्रदर्शन किया। राजधानी में पुलिस से धक्का -मुक्की के बीच भाजपा सरकार का पुतला दहन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के निर्देश पर मंगलवार को सभी जिला कमेटियों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे। प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह के अनुसार गोंडा, बस्ती, बाराबंकी, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, फतेहपुर, गोरखपुर, फैजाबाद, सुलतानपुर, इलाहाबाद, उन्नाव, सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, मथुरा, पीलीभीत, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, मेरठ और गौतमबुद्धनगर सहित सभी जिलों में प्रदर्शन किए गए। कई स्थान ज्ञापन सौंपने के बाद पुतला दहन भी किया।
लखनऊ में पुलिस से धक्कामुक्की
लखनऊ जिला एवं शहर कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय से विधानसभा की ओर कूच किया लेकिन, शास्त्री मार्ग से पहले ही पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर कांग्रेसियों को आगे नहीं जाने दिया। पुलिस के घेरे को तोडऩे के लिए धक्का मुक्की हुई पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मंसूबे पूरे न हो सके। जिस पर कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना दे दिया। विधान परिषद में दलनेता दीपक सिंह, विनोद मिश्रा, शिव पांडेय, बोधलाल शुक्ला, गौरव चौधरी व अमित श्रीवास्तव त्यागी ने ङ्क्षहसक घटनाओं के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, दूसरी ओर युवा कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा सरकार के पुतले का दहन किया गया। पुलिस ने पुतला छीनने की कोशिश जरूर की परंतु कारगर न हो सकी। पुतले की छीनझपट में कई कार्यकर्ता भी चपेट में आने से बामुश्किल बचे।
गुजरात में अराजकता को सरकारी संरक्षण
गुजरात प्रकरण को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी के लोगों ने भाजपा को न केवल सम्मान दिया वरन देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचाया। गुजरात में जिस तरह समाज और देश को तोडऩे की कोशिशें की जा रही है उसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि गुजरात में माहौल सामान्य करने के बजाए अराजक लोगों को सरकारी संरक्षण मिलता दिख रहा है।