कांग्रेस के भारत बंद में होगी उत्तर प्रदेश संगठन की परीक्षा
बंद को सफल बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है और जिला व शहर इकाइयों से स्वयं कोआर्डिनेशन करने में जुटे हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर दस सितंबर को आहूत कांग्रेस के भारत बंद में प्रदेश संगठन की परीक्षा होगी। बंद को सफल बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है और जिला व शहर इकाइयों से स्वयं कोआर्डिनेशन करने में जुटे हैं।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने प्रमुख नेताओं से बैठक में बंद सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा की। वक्ताओं का कहना था कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस का भारत बंद महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसकी सफलता से पार्टी की ताकत का अहसास होगा। इसका प्रभाव गठबंधन की स्थिति में सीटों के बंटवारे पर भी पड़ेगा। इसके लिए जिला, शहर, ब्लाक, वार्ड इकाइयों के अलावा फ्रंटल संगठनों और विभागों को पूरी शक्ति से बंद सफल बनाने में लगाया जाएगा। इसके लिए अन्य सामाजिक संस्थाओं से सहयोग भी मांगा जाएगा।
राजबब्बर ने बताया कि सेवादल, महिला व युवा कांग्रेस, एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं को बंद सफल बनाने में जुटने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में एक वरिष्ठ नेता को बतौर पर्यवेक्षक बनाकर भेजा जाएगा ताकि बंद की तैयारियां व्यवस्थित हो सकें। किसी भी जिले में दो वरिष्ठ नेता नहीं रहेंगे।
अन्य संगठनों खासतौर से व्यापारी, श्रमिक, छात्र और किसानों की सहभागिता महंगाई विरोधी मुहिम में करायी जाएगी। बैठक में पूर्व मंत्री राजबहादुर, फजले मसूद, हरीश बाजपेयी, विनोद चौधरी, श्याम किशोर शुक्ला, आरपी त्रिपाठी, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, छोटेलाल चौरसिया, ममता चौधरी व डा. प्रमोद पांडेय भी मौजूद थे।
टकराव से भी पीछे न हटेंगे : कांग्रेस भारत बंद के बहाने शक्ति प्रदर्शन भी करना चाहती है। इसके लिए टकराव से भी पीछे नहीं हटने की हिदायत दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का कहना है कि कांग्रेस अहिंसक आंदोलन में ही विश्वास करती है लेकिन, पार्टी के सदैव ही दो धाराएं (नरम और गरम) रही है। बंद से भाजपा सरकार से उल्टी गिनती शुरू होने का दावा करते हुए कांग्रेसियों का कहना है कि आम जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा।
संगठन में बदलाव के संकेत : भारत बंद के बाद जिला व शहर इकाइयों में बदलाव के संकेत है। सूत्रों का कहना है कि 40 से अधिक जिलों के संगठन में परिवर्तन होगा। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी इसमें अहम भूमिका अदा करेगी। प्रदेश कार्यकारणी का गठन भी बंद के बाद ही होगा।