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यूपी में प्रतिज्ञा यात्रा पर उधेड़बुन में फंसी कांग्रेस, भीड़ जुटाने और संगठन का आधार देने को लेकर उहापोह

कांग्रेस की ओर से प्रतिज्ञा यात्रा निकालने की घोषणा के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने परिवर्तन संकल्प यात्रा और समाजवादी पार्टी ने विजय यात्रा निकालने का एलान किया था। दोनों पार्टियों की यात्राएं 12 अक्टूबर को निर्धारित तारीख से शुरू भी हो गईं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:22 AM (IST)
बाद में घोषणा करके भी पहले यात्रा निकाली सपा और प्रसपा ने।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। अपने चुनाव अभियान को धार देने के लिए प्रदेश में 12 हजार किलोमीटर लंबी प्रतिज्ञा यात्रा निकालने का एलान करने वाली कांग्रेस फिलहाल अपनी इस मुहिम को लेकर उधेड़बुन में है। पहले सितंबर, फिर नवरात्र में प्रतिज्ञा यात्रा शुरू होने का कांग्रेस कार्यकर्ता इंतजार ही करते रहे। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीती 10 सितंबर को उप्र कांग्रेस कमेटी कार्यालय में सलाहकार और रणनीति समितियों के साथ बैठक की थी। बैठक में प्रतिज्ञा यात्रा को प्रदेश के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में निकालने के बाबत प्रस्तुतीकरण किया गया था।

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बैठक के बाद पार्टी की ओर से प्रदेश में प्रतिज्ञा यात्रा निकालने की घोषणा की गई थी। उस समय चर्चा थी कि यात्रा सितंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू हो सकती है। फिर सुझाव दिया गया कि यात्रा को पितृपक्ष के बाद नवरात्र में शुरू किया जाए। इस बीच यात्रा को प्रदेश के चार अलग-अलग क्षेत्रों में निकालने की योजना बनी। यात्रा के साथ प्रियंका की जनसभाएं आयोजित करने का खाका खींचा गया। इसी क्रम में 10 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस की किसान न्याय रैली आयोजित हुई जिसे प्रियंका ने संबोधित किया। इसके 10 दिन बीतने के बाद भी प्रतिज्ञा यात्रा शुरू करने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।

गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से प्रतिज्ञा यात्रा निकालने की घोषणा के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने परिवर्तन संकल्प यात्रा और समाजवादी पार्टी ने विजय यात्रा निकालने का एलान किया था। दोनों पार्टियों की यात्राएं 12 अक्टूबर को निर्धारित तारीख से शुरू भी हो गईं। इससे सबसे पहले यात्रा निकालने का कांग्रेस को जो लाभ मिलना चाहिए था, वह अब नहीं रहा। दूसरी सबसे बड़ी दुविधा यह है कि प्रदेश के चार अलग-अलग हिस्सों में यात्राओं के दौरान भीड़ को अपनी ओर कैसे खींचा जाए।

कांग्रेस के पास प्रियंका के अलावा प्रदेश में सेलेब्रिटी चेहरे का अभाव है। प्रियंका एक ही समय में सभी यात्राओं में शामिल नहीं हो सकती हैं। पार्टी ने संगठन सृजन भले किया हो लेकिन कशमकश यह भी है की यात्रा को पार्टी का सांगठनिक ढांचा कितना ईंधन और मजबूत आधार दे सकेगा। इस बारे में पूछने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने प्रतिज्ञा यात्रा का रूट प्लान और रूपरेखा तय हो चुकी है। प्रतिज्ञाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्रा शुरू होने की तारीख जल्दी घोषित की जाएगी।


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