लखनऊ में आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ तहरीर
बरेली में श्रीश्री रविशंकर के अयोध्या में श्रीराज मंदिर न बनने पर सीरिया बनाने के विवादित बयान पर एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष तौहीद सिद्दीकी ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने की तहरीर दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। अयोध्या में भगवान की जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर बनवाने के अभियान में लगे आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ लखनऊ में तहरीर दी गई है। उनके खिलाफ मंगलवार को बरेली में विवादित बयान देने का गंभीर आरोप लगाकर एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष ने तहरीर दी है।
बरेली में श्रीश्री रविशंकर के अयोध्या में श्रीराज मंदिर न बनने पर सीरिया बनाने के विवादित बयान पर एआईएमआईएम (AIMIM) जिलाध्यक्ष तौहीद सिद्दीकी ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने की तहरीर दी है। लखनऊ में श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ तहरीर बाजारखाला कोतवाली में दी गई है। बरेली में पांच मार्च को श्रीश्री रविशंकर ने अयोध्या में मंदिर नहीं बनने पर हिंदुस्तान को सीरिया बनाने का बयान दिया था। आरोप है कि मुसलमानों को कत्ल करने की धमकी और साजिश रचने का लगाया आरोप लगाया गया है। एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया तहरीर मिली है। मामले की जांच की जा रही है।
अयोध्या में मंदिर न बनने पर सीरिया जैसी स्थिति होने के बयान पर श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की तरफ से पुलिस में शिकायत की गई है। पार्टी के जिलाध्यक्ष तौहीद सिद्दीकी ने बाजार खाला थाना में आज श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीश्री रविशंकर ने मुसलमानों को कत्ल करने की धमकी दी और साचिज रच रहे हैं।
अयोध्या मसले को बातचीत से सुलझाने की कोशिश में लगे रविशंकर ये कहकर विवादों में आ गए थे कि अयोध्या विवाद नहीं सुलझा तो देश सीरिया में बदल जाएगा।
इसके बाद रविशंकर ने बरेली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह बात धमकी नहीं थी सिर्फ सावधानी बरतने के नज़रिए से ही मैंने ऐसा कहा था। रविशंकर ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। रविशंकर यहां मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिलने आए थे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में सभी पक्षों से अपील भी की है कि इस देश के भविष्य को ऐसे चंद लोग जो संघर्ष को ही अपना अस्तित्व समझते हैं उनके हवाले मत कीजिए। रविशंकर का मानना है कि मुसलमानों को सद्भावना दिखाते हुए अयोध्या पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए क्योंकि अयोध्या मुसलमानों की आस्था की जगह नहीं है।
उनके मुताबिक अगर कोर्ट मंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाता है तो मुस्लिम हारा हुआ महसूस करेंगे। इसके कारण लोग न्यायपालिका में अपनी यक़ीन खो सकते हैं। ऐसे में वो अतिवाद की तरफ बढ़ सकते हैं। हम शांति चाहते हैं। इस्लाम में विवादित स्थल पर इबादत की इजाजत नहीं है। हम तो भगवान राम किसी और जगह पर पैदा नहीं हो सकते।