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Lucknow: 12 साल से क्‍यों बंद है हसनगंज कोतवाली का मालखाना, पड़ताल में सामने आया ये मामला

Lucknow News लखनऊ में हसनगंज कोतवाली के 12 साल से बंद पड़े मालखाने के मामले में न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को अफसरों ने पड़ताल कर कमेटी बनाई गई। एसीपी जया शांडिल्य ने कहा क‍ि वीडियोग्राफी करवाकर मालखाने में जमा सामान की जांच की जाएगी।

By Gyan MishraEdited By: Anurag GuptaPublished: Thu, 29 Sep 2022 11:17 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 11:17 PM (IST)
Lucknow News: कप्तान गए, पुलिस कमिश्नर आए, नहीं आया मालखाना इंचार्ज।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। हसनगंज कोतवाली का मालखाना 12 साल से बंद पड़ा है। इस दौरान कई कप्तान आए और चले गए। पुलिस कमिश्नरेट लागू हुआ तो अफसरों की भरमार हो गई। कई बार अफसरों ने कोतवाली में जाकर मातहतों के साथ बैठक की। फाइलों के रखरखाव और परिसर में साफ सफाई को लेकर दिशा निर्देश दिए। हैरानी की बात तो ये है कि 12 साल में किसी की नजर मालखाना की तरफ नहीं गई। या यूं कहें कि किसी ने ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। अब इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंड पीठ ने इसपर नाराजगी जताई है तो अफसर हरकत में आए हैं।

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तत्‍कालीन हेड कांस्‍टेबल ने नहीं दी चाभी 

हसनगंज कोतवाली में गुरुवार को अफसरों ने पहुंचकर छानबीन की और मालखाना के संबंध में जानकारी प्राप्त की। पड़ताल में सामने आया कि करीब 12 साल पहले हेड कांस्टेबल कन्हैया लाल के पास मालखाना का प्रभार था। सेवानिवृत्त होने के बाद हेड कांस्टेबल अपने घर चले गए। पुलिस का तर्क है कि हेड कांस्टेबल ने मालखाने की चाभी नहीं दी और न ही किसी को चार्ज सौंपा।

उठे यह सवाल

अब सवाल ये है कि मालखाने की चिंता करना उस सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल की जिम्मेदारी थी या वहां तैनात थाना प्रभारी व अन्य अफसरों की? खास बात ये है कि मालखाने के भीतर क्या-क्या सामान किस मात्रा में रखा है, इसके बारे में भी अफसर जवाब नहीं दे पा रहे हैं। यहां तक कि रजिस्टर भी नहीं मिल रहा है। एसीपी महानगर से न्यायालय ने रिपोर्ट मांगी है।

एसीपी ने कहा-जांच करेगी कमेटी

एसीपी जया शांडिल्य का कहना है कि कमेटी गठित की गई है। हेड कांस्टेबल के जाने के बाद नया मालखाना बनाया गया था। वीडियोग्राफी करवाकर मालखाने में जमा सामान की जांच की जाएगी। ट्रांसफर व सेवानिवृत्ति के बाद आती है अड़चनगोमतीनगर थाने में हाल में ही एक सिपाही को मालखाने का प्रभार दिया गया है। इससे पहले लंबे समय तक मालखाना प्रभारी अवकाश पर थे। कई बार अफसरों से पत्राचार किया गया, लेकिन त्वरित कार्रवाई नहीं हुई।

ज‍िम्‍मेदारी लेने से कतराते हैं पुल‍िसकर्मी

उधर, चिनहट कोतवाली के मालखाना प्रभारी भी जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसके बाद कोतवाली के मालखाना प्रभारी को लेकर समस्या खड़ी हो जाएगी। दरअसल, किसी भी थाने के मालखाना प्रभारी के स्थानांतरण अथवा सेवानिवृत्ति के बाद अक्सर ये अड़चन आती है कि अगला इंचार्ज किसे बनाया जाए क्योंकि पुलिसकर्मी पूर्व में जमा माल की मात्रा व संख्या के पूरा होने की जिम्मेदारी लेने से कतराते हैं।


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