DSO की लापरवाही पर लगी फटकार, कोरोना में काम करो...CMO के पीछे घूमना बंद करो
Coronavirus मरीज की शिफ्टिंग व शव वाहन में लापरवाही पर सर्विलेंस ऑफीसर को कमिश्नर की फटकार। सीएमओ को भी व्यवस्था सुधार का अल्टीमेटम अब एआरटीओ उपलब्ध कराएंगे तत्काल वाहन।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Lucknow News Update: शहर में कोरोना मरीजों की शिफ्टिंग में लापरवाही हो रही है। वहीं, मृतकों को शव वाहन नहीं मिल पा रहे हैं। सीएमओ-डीएसओ का फोन नहीं उठता है। पीड़ितों का हाल बेहाल हो रहा है। दैनिक जागरण ने आमजन की समस्या उठाई। लिहाजा, सुबह अपर मुख्य सचिव गृह, कमिश्नर, डीएम सुबह-सुबह सीएमओ दफ्तर आ धमके। इसमें डिस्ट्रिक सिर्वलांस ऑफीसर (डीएसओ) की लापरवाही उजागर होने पर फटकार लगी। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी अल्टीमेटम दिया गया।
नीरा नर्सिंग होम में गुरुवार को भर्ती अंजू जायसवाल में कोरोना की पुष्टि हुई। परिवारजन सीएमओ दफ्तर को फोन करते रहे। मगर, कोविड अस्पताल में मरीज को शिफ्ट नहीं किया गया। शुक्रवार को महिला की मृत्यु हो गई। परिवारजनों ने अफसरों को फोन किया। मगर, शव वाहन नहीं मिला। वहीं, रात नौ बजे ही सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल व डिस्ट्रिक सर्विलांस ऑफीसर (डीएसओ) का फोन डायवर्ट पर चला गया। घरवाले रात भर शव को ले जाने के लिए इंतजार में बैठे रहे। दैनिक जागरण ने परिवारजनों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
फ्रंट पर आकर अधिक काम करें, सीएमओ के पीछे घूमना बंद कर दें
ऐसे में शनिवार सुबह नौ बजे कमिश्नर मुकेश मेश्राम, डीएम अभिषेक प्रकाश सीएमओ दफ्तर पहुंचे। कमिश्नर ने सीएमओ से मरीज की शिफ्टिंग व शव वाहन मिलने में देरी पर जवाब तलब किया। वहीं, संबंधित मसले पर घेरे में डीएसओ डॉ. केपी त्रिपाठी आ गए। कमिश्नर ने डीएसओ को कार्यशैली में सुधार के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ कागज तैयार कर सीएमओ के पीछे घूमना बंद कर दें। कोरोना काल है, फ्रंट पर आकर अधिक काम करना होगा। मरीजों की ट्रेसिंग, शिफ्टिंग, परिवारजनों की सैंपलिंग, मृतकों को समय पर शव वाहन उपलब्ध कराना होगा। मरीजों के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएमओ को व्यवस्था सुधार के अल्टी मेटम दिए गए। वहीं, शव वाहन की कमी पर एआरटीओ उपलब्ध कराएंगे।
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कंट्रोल रूम का निरीक्षण
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी पौने दस बजे के करीब सीएमओ कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। साथ ही मरीज-तीमारदार की कॉल पर तुंरत रिस्पांस देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा मरीजों की अस्पताल में समय पर शिफ्ट किया जाए।
मीटिंग का बहाना, फोन को नजरंदाज करना
सीएमओ कार्यालय में वर्षों से कई अधिकारी तैनात हैं। शासन-सत्ता तक पहुंच रखने वाले अफसर ट्रांसफर व कार्रवाई के भय से दूर हैं। लिहाजा, उच्चाधिकारियों के समक्ष रिपोर्ट दुरुस्त दिखाने के लिए कागजी कार्रवाई में ही मशगूल हैं। वहीं जमीनी हकीकत जुदा है। मरीज-परिवारजन परेशान रहते हैं। कंट्रोल रूम में सुनवाई न होने पर सीएमओ, सर्विलांस ऑफीसर समेत अन्य नोडल अफसरों को फोन मिलाते हैं। मगर, मीटिंग में होने का हवाला देकर जिम्मेदारियों से मुंह फेर लिया जाता है।