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अयोध्‍या : मंडलायुक्‍त ने राजा बिमलेंद्र मोहन को सौंपा अधिग्रहीत परिसर की भूमि का अधिकार पत्र

रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की संभावना के साथ रिसीवर के प्रभार का अंतरण व्यवस्था की दृष्टि से नए युग का आगाज।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 06:40 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 07:25 AM (IST)
अयोध्‍या : मंडलायुक्‍त ने राजा बिमलेंद्र मोहन को सौंपा अधिग्रहीत परिसर की भूमि का अधिकार पत्र
अयोध्‍या : मंडलायुक्‍त ने राजा बिमलेंद्र मोहन को सौंपा अधिग्रहीत परिसर की भूमि का अधिकार पत्र

अयोध्या, जेएनएन। अधिग्रहीत परिसर के पदेन रिसीवर मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होते ही नवगठित ट्रस्ट में शामिल किए गए अयोध्या की निवर्तमान रियासत के राजा बिमलेंद ्रमोहन मिश्र को बुधवार की शाम अधिग्रहीत परिसर की भूमि का अधिकार पत्र सौंपा। मंडलायुक्त के कैंप कार्यालय में अधिकार पत्र सौंपे जाने के दौरान जिलाधिकारी अनुजकुमार झा भी मौजूद रहे।

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सात जनवरी 1993 को रामजन्मभूमि के इर्द-गिर्द 67.77 एकड़ भूमि अधिग्रहण के साथ अधिग्रहीत परिसर के रिसीवर का पदेन प्रभार मंडलायुक्त के जिम्मे रहता आया है। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की संभावना के साथ रिसीवर के प्रभार का अंतरण व्यवस्था की दृष्टि से भी नए युग का आगाज माना जा रहा है। 

मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल ने बुधवार को अपने आवास पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट बनाए जाने के बाद राजा बिमलेंद्र मोहन मिश्र को रिसीवर का चार्ज दिया। गौरतलब है क‍ि राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में अयोध्या के तीन लोगों को शाम‍िल क‍िया गया है। अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन  मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्रदास, होम्योपैथी मेडीसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ अनिल मिश्र को ट्रस्‍‍‍ट का सदस्य बनाया गया है। अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के. पाराशरण को ट्रस्टी बनाया गया है। 


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