उत्तर प्रदेश में ठंड का कहर : कानपुर व उन्नाव में शून्य पर पहुंचा पारा, टूटा 48 वर्ष पुराना रिकार्ड
आगरा मथुरा के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों से सटे प्रदेश के जिलों का न्यूनतम तापमान सोमवार देर रात शिमला तथा अन्य पहाड़ी इलाकों से कम हो गया था।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में ठंड का कहर जारी है। घना कोहरा के साथ बर्फीली हवा में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। इसके साथ ही तापमान भी हर रोज रिकार्ड बना रहा है। पहाड़ों से सटे जिलों में तो ठंड काफी जोर मार रही है, लेकिन मैदानी इलाके भी इससे काफी अछूते नहीं हैं।
आगरा, मथुरा के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों से सटे प्रदेश के जिलों का न्यूनतम तापमान सोमवार देर रात शिमला तथा अन्य पहाड़ी इलाकों से कम हो गया था। मंगलवार तड़के कानपुर के साथ उन्नाव का पारा तो शून्य पर पहुंच गया। गंगा नदी के किनारे बसे इस शहर के ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र के लोग ठंड का यह रूप देख घरों में दुबक गए।
कानपुर के इतिहास में सबसे ठंडा दिसंबर
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते कानपुर शहर कांप उठा है। दिसंबर में पहली बार लुढ़ककर पारा जीरो डिग्री पहुंच गया है। साल की यह सबसे ठंडी रात रही। तापमान सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस कम रहा। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के पास अभी तक जो रिकार्ड है, उसमें दिसंबर में न्यूनतम तापमान इतना नीचे नहीं गया है। मौसम विभाग के पास 1971 से तापमान का रिकार्ड बताता है कि दिसंबर माह में इतनी सर्द रात कभी नहीं हुई। लगातार दूसरे दिन गलन भरी ठंड ने सर्दी का रिकार्ड तोड़ा है। दिसंबर माह में 16 साल में सबसे ठंडा दिन का रिकार्ड टूट चुका है। एक दिसंबर 2003 के बाद से इतना ठंडा दिन नहीं रहा है। एक दिसंबर 2003 में अधिकतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस था, जबकि 30 दिसंबर 2019 में यह 9.6 डिग्री पारा पहुंच गया। मौसम विभाग के वैज्ञानिक डा. नौशाद खान ने बताया कि पश्चिमी हवाएं चलने गलन बढ़ी है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी। इससे दिन व रात दोनों का तापमान गिरेगा। मंगलवार को कोहरे की चादर ओढ़कर दिन निकला। इस बीच चली सर्द हवाओं ने गलन बढ़ा दी। हाथ पैर ठंडे करने वाली इस ठंड के बीच लोगों की घर से निकलने की हिम्मत नहीं हो रही थी। ठंड से बचाव के लिए टोपी, मफलर, दस्ताने व जैकेट भी नाकाफी रहे। करीब साढ़े ग्यारह बजे तक कोहरा छाये रहने से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। कोहरा हल्का हुआ लेकिन धूप नहीं निकलने से गलन बनी रही। मौसम विभाग के वैज्ञानिक डा. नौशाद खान ने बताया कि पश्चिमी हवाएं चलने से गलन बढ़ी है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी और दिन व रात का तापमान गिरेगा। बुधवार को बारिश की संभावना है, जबकि जनवरी के पहले हफ्ते में कोहरा और घना हो जाएगा।
उन्नाव में 1971 का रिकार्ड टूटा
कश्मीर और दक्षिण में सागर में हुई हलचल से पैदा हुए पश्चिमी विक्षोभ ने यूपी के मैदानी भागों को कश्मीर बना दिया है। मंगलवार को उन्नाव के साथ कानपुर में न्यूनतम पारा शून्य डिग्री रिकार्ड किया गया है। वर्ष 1971 का रिकार्ड टूट गया है। दिसंबर के आखिरी छह दिन सबसे सौ वर्ष में सबसे ठंडे रहे, इस दौरान तापमान ने चार बार रिकार्ड तोड़ा है।
चार डिग्री पहुंचा गोरखपुर का न्यूनतम पारा, ठिठुरे लोग
गोरखपुर में कड़ाके की ठंड का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार की सुबह जिले का पारा चार डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। इस बार ठंड के मौसम का यह सबसे कम न्यूनतम तापमान है। गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन एक्शन ग्रुप के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के मुताबिक कड़ाके की ठंड का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर व मध्य पाकिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। साइबेरिया से बर्फीली हवाओं के उत्तर भारत तक पहुंचने का सिलसिला अनवरत चल रहा है। इन दोनों वायुमंडलीय परिस्थितियों की वजह से पश्चिमोत्तर के पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी हो रही है।
ऐसे में लगातार चल रही शुष्क पछुआ हवाएं पहाड़ों की ठंड को पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचा रही हैं और गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र का पारा गिरा रही हैं। इसकी वजह से बीते लगातार छह दिन से गोरखपुर कोल्ड-डे की चपेट में है। मौसम विभाग के मानक के मुताबिक 16 डिग्री सेल्सियस से कम अधिकतम तापमान वाले दिन कोल्ड-डे कहे जाते हैं और बीते छह दिन में गोरखपुर का अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक भी नहीं पहुंच सका है। कोहरे को लेकर इस वर्ष के दिसंबर ने गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन ग्रुप की मौसम टीम के अध्ययन के मुताबिक बीते 42 वर्ष का रिकार्ड कायम किया है। इस बार दिसंबर के 25 दिन कोहरे वाले रहे हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीते 42 वर्ष में इसके आसपास केवल 2016 का दिसंबर रहा है, जब 23 दिन कोहरे वाले रहे थे।