स्वास्थ्य के लिए आफत बना पारा का उतार-चढ़ाव
जागरण संवाददाता, लखनऊ : पारा का उतार-चढ़ाव सेहत पर भारी पड़ रहा है। अस्पतालों में बुखा
जागरण संवाददाता, लखनऊ :
पारा का उतार-चढ़ाव सेहत पर भारी पड़ रहा है। अस्पतालों में बुखार, जुकाम, सिर दर्द, गले में संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं सुबह-शाम की ठंड हृदय व सांस रोगियों के लिए मुसीबत बन गई है।
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष दुबे के मुताबिक सुबह-शाम तापमान में काफी गिरावट हो रही है। वातावरण में नमी के चलते प्रदूषित कण रेस्पेरेटरी जोन में आ जाते हैं। ऐसे में सांस के साथ ये कण श्वसन नलिकाओं में चले जाते हैं, जो कि खासकर दमा, सीओपीडी मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। वहीं नम हवाएं भी सांस रोगियों की मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।
हृदय रोगी में फीवर तो हार्ट फेल्योर का खतरा
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भुवन चंद्र के मुताबिक मौसम के बदलाव के चलते लोग वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में यदि हृदय रोगी वायरल फीवर की चपेट में आ गया तो उसमें हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है। हृदय रोगी इस दौरान सांस लेने में तकलीफ होने पर, थकान महसूस होना, सांसें उखड़ने संबंधी लक्षणों के प्रति सावधान रहें।
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लक्षणों को पहचानें
- सांस लेने में दिक्कत होना
-घबराहट व तेज सांस चलना
-सोते वक्त उलझन महसूस होना
-लगातार खांसी आना
-सीने में हल्का दर्द उठना
बरतें सतर्कता
- सुबह-शाम घर से निकलते वक्त गर्म कपड़े पहनें।
- बाइक चलाते समय हेलमेट अवश्य लगाएं, ताकि सांस लेते वक्त ठंडी हवा से कुछ हद तक बचाव हो सके।
-कमरे में सोते वक्त रातभर ब्लोअर आदि न चलाएं। कारण इससे रूम में ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है।
-पार्टी आदि में जाने पर ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक पानी से बचें
खान-पान का रखें ध्यान
-हरी साग-सब्जी का सेवन करें
-तिल, गुड़, सोंठ का सेवन फायदेमंद है।
-मसालेदार व तैलीय खाद्य पदार्थो के सेवन से बचें।