कोऑपरेटिव बैंक के MD भ्रष्टाचार के दोषी, निलंबन की सिफारिश
50 सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति में भी गड़बड़ी पाए जाने पर विधिक राय लेकर सभी की नियुक्तियां रद करने की भी संस्तुति की गई है।
लखनऊ(जेएनएन)। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक रविकांत सिंह पर भ्रष्टाचार के लगाये गए गंभीर आरोप अंतत: सच साबित हुए। पीसीएफ के प्रबंध निदेशक प्रमोद कुमार उपाध्याय की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को जांच रिपोर्ट भेजकर रविकांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच की सिफारिश की है। 50 सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति में भी गड़बड़ी पाए जाने पर विधिक राय लेकर सभी की नियुक्तियां रद करने की भी संस्तुति की गई है।
कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) ने एमडी पर सीतापुर रोड योजना, सेक्टर-सी निवासी जय सिंह द्वारा लगाये आरोपों की जांच पीसीएफ के प्रबंध निदेशक को सौंपी थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि वर्ष 2015 में 50 सहायक प्रबंधक के पदों पर नियुक्ति में विज्ञापन जारी होने के बाद आवश्यक शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन कराया गया और व्यक्तिगत लाभ लेकर न्यायालय के स्टे के बाद भी ज्वाइनिंग कराई गई। दूसरा आरोप था कि दो निजी चीनी मिल केसर इंटरप्राइजेज बरेली एवं सिंभावली शुगर मिल को नियम विरुद्ध ऋण दिया गया और एनपीए को दीर्घकालीन ऋण में बदला गया। यूपीसीबी के वर्षो के किरायेदार आइडीबीआइ एवं एक्सिस बैंक से भवन खाली कराने के भी आरोप हैं।
चयनित 50 में सिर्फ 11 वाणिज्य स्नातक
चयनित 50 सहायक प्रबंधकों में से सिर्फ 11 अभ्यर्थी ही वाणिज्य स्नातक थे और बाकी ऐसे विषयों से स्नातक थे, जिनका बैंकिंग से संबंध नहीं था। जांच एजेंसी ने एमडी की मंशा पर भी टिप्पणी की है। चयनित अभ्यर्थियों को पहले से पता था कि उनका चयन होना है।
पुत्र-पुत्रियों का चयन
चयन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के पुत्र-पुत्रियों का भी चयन किया गया। उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के संतोष श्रीवास्तव की पुत्री सुदीप्ता, उप्र राज्य भंडारण निगम के एमडी कृपाशंकर के पुत्र प्रियतोष, उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल अध्यक्ष के निजी सचिव आलोक कुमार की पुत्री दिशा, उप्र अधीनस्थ चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राजकिशोर के पुत्र प्रदीप आदि का चयन हुआ।
रविकांत का इंकार, जांच अधिकारी ने मढ़ा दोष
सूत्रों के अनुसार कृषि उत्पादन आयुक्त ने अपना मत दिया है कि किसी पद का विज्ञापन होने के पश्चात निर्धारित शैक्षिक योग्यता एवं आयु में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। रविकांत सिंह ने सफाई दी कि बैंक की प्रबंध कमेटी के अनुरोध पर सहायक प्रबंधक की शैक्षिक योग्यता में संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने अपनी किसी भूमिका से इन्कार किया है।
हालांकि, जांच अधिकारी ने यह उल्लेख किया है कि चयन प्रक्रिया के मध्य शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन पर रविकांत अपनी भूमिका से इन्कार नहीं कर सकते हैं। वह प्रबंध समिति की बैठक में असहमति व्यक्त कर सकते थे। रविकांत ने अग्रणी भूमिका अदा की। शैक्षिक योग्यता कम निम्न श्रेणी के सहायक और कैशियर से भी कम कर दी गई थी।चयनित अभ्यर्थियों ने अपना स्थायी पता इटावा का दिया है।
चीनी मिलों को लाभ देने के लिए धोखाधड़ी
चीनी मिलों केसर तथा सिंभावली पावर कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए भी धोखाधड़ी करते हुए बैंक की प्रबंध समिति में प्रस्ताव पारित किया गया। नाबार्ड द्वारा असहमति व्यक्त करने के पश्चात इसे निरस्त किया गया। केसर चीनी मिल को भी नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई।