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मेधावी बच्चों के साथ संवाद में सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- हर छात्र हिन्दी-अंग्रेजी का एक-एक अखबार जरूर पढ़े, होगा बड़ा लाभ

CM Yogi Adityanath Met Meritorious Students मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर हाईस्कूल तथा इंटर में लखनऊ के शीर्ष दस स्थान पर आने वाले छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि आप लोगों हिन्दी-अंग्रेजी का एक-एक अखबार जरूर पढऩा चाहिए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 02:54 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 04:43 PM (IST)
मेधावी बच्चों के साथ संवाद में सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- हर छात्र हिन्दी-अंग्रेजी का एक-एक अखबार जरूर पढ़े, होगा बड़ा लाभ
CM Yogi Adityanath Met Meritorious Students :

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा का परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बच्चों का हौसला बढ़ा रहे हैं। लगातार मेधावी छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावक तथा अध्यापकों से भेंट करने के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ उनके साथ संवाद भी कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर हाईस्कूल तथा इंटर में लखनऊ के शीर्ष दस स्थान पर आने वाले छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने सभी से कहा कि आप लोगों को तेजी से आगे बढ़ने के लिए हिन्दी-अंग्रेजी का एक-एक अखबार जरूर पढऩा चाहिए। इससे आपको एक ही जगह पर देश-दुनिया, राज्य और स्थानीय खबरों की जानकारी मिलेगी। आप की आज की पढ़ी गई खबर कल के लिए जनरल नॉलेज का आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि अखबार में संपादकीय पेज तो जरूर पढऩा चाहिए, जिससे कि आपको समग्र ज्ञान मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तय स्कूली पाठ्यक्रम के अलावा आपको देश-दुनिया के समसामयिक स्थिति से अपडेट रहना चहिए। इसके लिए अखबार एक अच्छा माध्यम है। दिनचर्या में एक समय अखबार पढ़ने के जरूर रखें। अखबारों के सम्पादकीय पृष्ठ विचारों से परिपूर्ण होते हैं। अलग-अलग विचारों को पढ़कर आप किसी विषय में अपना नजरिया तय कर सकते हैं। यह आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। हर विद्यार्थी को पुस्तकालय जाने की आदत जरूर डालनी चाहिए। प्रयास करें कि माह में कम से कम कोई एक पुस्तक जो पाठ्यक्रम से अलग हो, जरूर पढ़ें। प्रश्न पत्र विद्यार्थी के मानसिक स्तर को जांचने का एक माध्यम होता है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप लोगों को किसी परीक्षा के नाम से घबराना नहीं है, बल्कि उसको दिनचर्या का एक सहज हिस्सा मानकर उसके साथ जुड़ जाना है। प्रश्न पत्र विद्यार्थी के मानसिक स्तर को जांचने का एक माध्यम होता है। प्रश्न पत्र बहुत क्लिष्ट हो तो यह अच्छे परीक्षक की निशानी नहीं होती। प्रश्न पत्र सहज हो, सरल हो व हर बच्चे के मानसिक स्तर को जांचने का माध्यम बन सके कि वह बौद्धिक रूप से कितना परिपक्व हुआ हैआप लोग हाईस्कूल या इंटर पास कर चुके हैं तो पुस्तक को घर में रखने, कूड़ेदान में फेंकने की बजाय या फिर रद्दी मानकर बेचने की बजाय उसको विद्यालय की लाइब्रेरी को दान कर दें, किसी गरीब बच्चे को दे दें। अब आप सभी की सकारात्मक ऊर्जा उत्तर प्रदेश को विकास के वैश्विक मानकों के अनुरूप स्थापित करेगी। बच्चों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्य के साथ-साथ आराम भी आवश्यक है। अगर आप नियमित रूप से पढ़ेंगे, नियमित रूप से खेलेंगे, सभी कार्यों को टाइम-टेबल बनाकर करेंगे तो फिर परीक्षा के समय अनावश्यक तनाव नहीं होगा। संयमित दिनचर्या से आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। टाइम टेबल बनाकर दिनचर्या का पालन करेंगे, तो न केवल आपका पाठ्यक्रम समय से पूरा होगा, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों की पढ़ाई के तौर-तरीकों की जानकारी लेते हुए सभी को अपने पास एक छोटी डायरी रखने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस डायरी में आपको नई बातों/जरूरी बातों को नोट करना चाहिए। हम सभी को समय पर सोना व जागना चाहिए। अगर सभी बच्चे रात्रि 10 बजे तक सो जाएं और सुबह 04 बजे उठ जाएं तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होगा। रात्रिभर जागने से दिनभर व्यक्ति को थकान रहती है, स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हर बच्चे को खेल के किसी न किसी कार्यक्रम के साथ जुड़ना चाहिए। इससे शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होगा। इससे निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है।

मुख्यमंत्री ने मेधावी बच्चों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को प्रधानमंत्री जी के 'मन की बात' कार्यक्रम से जुड़ना चाहिए। इससे आपको बहुत सारी रचनात्मक चीजें जानने को मिलेंगी। देश में कहां, कौन से बच्चे ने अच्छा काम किया, प्रगतिशील किसान के अच्छे काम के बारे में, सामाजिक जीवन में कहां, किस व्यक्ति ने अच्छा काम किया है इसकी भी चर्चा प्रधानमंत्री जी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में करते हैं। यह कार्यक्रम देश में हो रहे किसी नवीन अभिकल्प, अभिनव प्रयास, नए बदलाव आदि के बारे में जानकारी से परिपूर्ण होता है। इसे हर बच्चे, अभिभावक को जरूर सुनना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बच्चों व अभिभावकों से प्रधानमंत्री जी रचित पुस्तक 'एक्जाम वॉरियर' और बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए खास कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' के बारे में भी चर्चा की।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बच्चों से कहा कि दूसरों के नोट्स के भरोसे कभी तैयारी न करें। खुद तैयार करें। विषय का कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं होगा तो नोट्स आपको तात्कालिक सफलता तो दिला सकता है, लेकिन दीर्घकालिक लक्ष्यों में यह कभी उपयोगी नहीं होगा। मेधावियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री जी ने बताया कि राज्य सरकार बदलते परिवेश के दृष्टिगत समय-समय पर पाठ्यक्रम को अपडेट करती है। यह क्रम सतत जारी रहेगा। हमें अपने सही इतिहास की जानकारी होनी चाहिए। अपने नायकों/महापुरुषों के व्यक्तित्व/कृतित्व की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा में भी इन विषयों का समावेश किया है। मुख्यमंत्री ने बच्चों को जिज्ञासु बनने को प्रेरित किया। कहा कि, सवाल पूछने से कभी न हिचकें। पहले अपने मन में सवाल पर विमर्श करें, फिर भी यदि समाधान न मिले तो शिक्षक से पूछें। संकोच न करें।

मेधावियों से उनके कॅरियर की योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार अभ्युदय कोचिंग संचालित करती है। यहां नीट, जेईई, यूपीएससी, यूपीपीएससी, एनडीए, सीडीएस सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराई जाती है। इसकी विशेषता यह है कि इसका संचालन उनके द्वारा किया जाता है जिन्होंने सम्बंधित परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। जैसे युवा आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस अधिकारी, युवा डॉक्टर, नव चयनित इंजीनियर्स आदि। यह अभिनव कोचिंग वर्चुअल और फिजिकल दोनों मोड में चलती है। स्कूलों में बच्चों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मेरिटोरियस बच्चे तैयार करने वाले विद्यालय के प्रधानाचार्यों को बधाई दी और उनके अध्यापन व मूल्यांकन प्रणाली की जानकारी ली। प्राचार्यों से कहा कि शिक्षकों को अभिभावकों के साथ संवाद बनाना चाहिए। अभिभावकों के साथ व्यक्तिगत संवाद नहीं होगा तो इसका असर आपके विद्यालय पर तो पड़ेगा ही, साथ ही अभिभावक को भी पता नहीं चलेगा कि विद्यालय में क्या हो रहा है। अतः ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जिससे कि माह में एक बार शिक्षक बच्चे के घर जरूर जाएं। अभिभावकों से मिलें। यह विद्यालय हित में भी है और छात्र के लिए भी उपयोगी होगा। मुख्यमंत्री ने प्रतिभा/क्षमता के आधार पर अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों/प्रतिभावान बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं/रेमेडियल क्लासेज संचालन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक के पढ़ाने की शैली विषय की ग्राह्यता पर प्रभाव डालती है। शिक्षण संस्थाओं को चाहिए कि रोचक ढंग से पढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा छात्रों/युवाओं के हित मे अनेक योजनाएं संचालित की जाती हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्टैंड अप योजना, स्टार्ट अप योजना, मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया आदि योजनाओं का बड़ी संख्या में युवाओं ने लाभ लिया है। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि विद्यालयों में इन योजनाओं की जानकारी छात्रों को मिल सके। योजना का पूरा विवरण जैसे, उद्देश्य, अर्हता, आवेदन का तरीका आदि पूरी जानकारी दें। प्रातःकालीन प्रार्थना सभा इसके लिए उचित अवसर हो सकती है। मुख्यमंत्री ने प्राचार्यों से कहा कि यह सुनिश्चित कराएं कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ बच्चों को जरूर मिलें। छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए समय से आवेदन कराएं। पुरातन छात्रों के अनुभवों से वर्तमान विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री जी ने प्राचार्यों को विद्यालय में पुरातन छात्र परिषद का गठन करने का परामर्श दिया। मेरिट सूची में शामिल विद्यार्थियों के अभिभावकों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री जी ने उत्कृष्ट विद्यार्थियों की सूची में बेटियों की सफलता पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त किया। मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए अभिभावकों ने अपने पाल्यों की मेहनत की कहानी भी बताई। एक मेधावी की माता जी ने बेटे के हिंदी में 100 अंक प्राप्त करने की खुशी साझा की तो कई अन्य अभिभावकों ने बच्चों के पठन-पाठन की अवधि की जानकारी दी।


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