जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य का निधन, CM ने दी श्रद्धांजलि
रायबरेली रोड स्थित ट्रामा-टू लाते समय ली आखिरी सांस मुख्यमंत्री और आलाधिकारी पहुंचे। दिल्ली जाते समय उन्नाव के बांगरमऊ में मार्ग दुर्घटना में बुधवार तड़के हुए थे घायल।
लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव के बांगरमऊ में बुधवार तड़के मार्ग दुर्घटना में घायल हुए जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य का निधन हो गया। घटनास्थल से रायबरेली रोड स्थित पीजीआइ के ट्रामा-टू अस्पताल लाते समय उन्होंने रास्ते में आखिरी सांस ली। सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्री, मेयर और आलाधिकारी पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद कड़ी सुरक्षा में उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार के लिए रवाना किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी हंसदेवाचार्य एक वरिष्ठ धर्माचार्य थे। उन्होंने विभिन्न आध्यात्मिक एवं धार्मिक दायित्वों का कुशलता पूर्व निर्वाह किया। वह परम लोकप्रिय संत थे। जिसके कारण उनके लाखों अनुयायी और संत समाज उनमे अटूट आस्था रखता था। उनके निधन पर सभी शोकाकुल हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, मेयर संयुक्ता भाटिया ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ अखिल भारतीय श्री पंथ निर्वाणीय अनी अखाड़ा के राष्ट्रीय महासचिव गौरी शंकर दास, त्रिकालदर्शी, गुरुमाल एवं नानक शाही मठ के महंत धर्मेंद्र दास व अन्य लोग मौजूद रहे। इसके बाद जगद्गुरु का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया। पोस्टमार्टम के बाद कड़ी सुरक्षा में पार्थिव शरीर एंबुलेंस से उत्तराखंड हरिद्वार के लिए रवाना कर दिया गया।
10 जनवरी से कुंभ में थे
स्वामी गौरी शंकर ने बताया कि जगतगुरु हरिद्वार स्थित स्वामी जगन्नाथ ट्रस्ट भीम गोड़ा में रहते थे। वह 10 जनवरी से प्रयागराज कुंभ में थे। 19 फरवरी को मेले का समापन हुआ। उसके बाद गुरुवार रात वह करीब डेढ़ बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए। उनके साथ चालक कन्हैया, गनर सूरज, सेवादार अंकित और परिकर थे। गाड़ी में सबसे आगे जगद्गुरु खुद बैठे थे। उनके पीछे दो अन्य गाडिय़ां थी। जिसमे संत गुरुमाल, पवन व अन्य लोग थे।