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CM योगी आदित्यनाथ का चाबुक : आइपीएस अफसर एन.कोलांची निलंबित, डीजीपी की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई

बुलंदशहर में थानेदारों की तैनाती में अनियमितता समेत भ्रष्टाचार की अन्य शिकायतों पर शासन ने शनिवार देर रात एसएसपी एन.कोलांची को निलंबित कर दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 09:20 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 10:10 AM (IST)
CM योगी आदित्यनाथ का चाबुक : आइपीएस अफसर एन.कोलांची निलंबित, डीजीपी की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
CM योगी आदित्यनाथ का चाबुक : आइपीएस अफसर एन.कोलांची निलंबित, डीजीपी की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई

लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रहार जारी है। भ्रष्टाचार के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ का रूख बेहद सख्त है।  बुलंदशहर में थानेदारों की तैनाती में अनियमितता समेत भ्रष्टाचार की अन्य शिकायतों पर शासन ने शनिवार देर रात एसएसपी एन.कोलांची को निलंबित कर दिया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह सख्त कार्रवाई की गई। इसके बाद एसपी चंदौली संतोष कुमार-द्वितीय को एसएसपी बुलंदशहर बनाया गया है। उनकी जगह पर सेनानायक एसडीआरएफ हेमंत कुटियाल को एसपी चंदौली के पद पर तैनाती दी गई है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा में लापरवाही बरतने व अनियमितता पर एसएसपी बुलंदशहर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। डीजीपी ओपी सिंह की रिपोर्ट को आधार बनाकर निलंबन की कार्रवाई की गई। रिपोर्ट में सामने आया कि बुलंदशहर के एसएसपी एन.कोलांची की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है। गोपनीय जांच के दौरान पाया गया कि बुलंदशहर में दो थाने ऐसे थे जहां एसएसपी एन. कोलांची ने थानेदारों को सात दिन से भी कम समय की तैनाती दी। एक थाना ऐसा था जिस पर मात्र 33 दिन में थानेदार को बदल दिया गया। यह डीजीपी की निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत था। इतना ही नहीं कोलांची ने दो ऐसे थानेदारों को बतौर प्रभारी तैनात कर दिया जिनको पूर्व में परिनिंदा प्रविष्टि दी गई। ऐसे में कोलांची ने जो प्रक्रिया अपनाई वह पारदर्शी नहीं थी।

प्रमुख सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एसएसपी बुलंदशहर की उक्त कार्य प्रणाली से पुलिसिंग की महत्वपूर्ण कड़ी थाना प्रभारी के स्थायित्व में कमी आई है। कोलांची की इस करतूत से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। वह थानाध्यक्षों व प्रभारी निरीक्षकों की तैनाती में अनियमितता कर रहे हैं। तैनाती में निर्धारित प्रक्रिया पूरी न करके मनमानी की जा रही थी। थानाध्यक्षों को तैनाती के बहुत कम समय बाद ही स्थानान्तरित भी कर दिया गया। दो थानाध्यक्षों को सात दिन से कम अवधि में ही हटा दिया गया। एक अन्य थानाध्यक्ष को 33 दिन बाद ही बदल दिया गया। एन.कोलांच ने परिनिंदा प्रविष्टि पा चुके दो उपनिरीक्षकों को नियमों को दरकिनार कर थानाध्यक्ष के पद पर तैनाती दी गई। सूत्रों ने बताया कि मोटी रकम लेकर थानाध्यक्षों की तैनाती किये जाने की शिकायत उच्च स्तर पर की गई थी। एन.कोलांची को निलंबित कर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। 

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