सीएम योगी आदित्यनाथ को भरोसा भाजपा 2019 में यूपी से जीतेगी 80 लोकसभा सीट
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हम लोगों ने सपा और बसपा की रणनीति को हल्के में लिया।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि भारतीय जनता पार्टी 2019 में उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी 80 सीट पर जीत दर्ज करेगी। हाल ही में गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों की हार पर उन्होंने साफ कहा कि उपचुनाव में हार और जीत लगी रहती है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता तथा योगी के तौर पर किसी भी चुनाव में हार-जीत न तो बड़े उत्साह का विषय है और न ही अवसाद का। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हमलोगों ने सपा और बसपा की रणनीति को हल्के में लिया। हर किसी को लग रहा था कि दोनों जगह पर भाजपा जीत रही है। इसी कारण भाजपा ने ठीक से प्रचार नहीं किया। जीत के प्रति आश्वस्त होने के कारण शायद मतदाता भी वोट डालने नहीं गए। दोनों जगह पर वोटिंग पर्सेंटेज में गिरावट से यह समझा जा सकता है। हर मतदाता हर चीज को महसूस कर रहा होगा कि मतदाम के लिए अगर वे गए होते, तो शायद उपचुनाव के नतीजे कुछ और होते। हर हार को हम सबके लिए सबक होती है। अति आत्मविश्वास में जब भी कहीं हम कोई काम करेंगे, पुरुषार्थ करना भूल जाएंगे तो इस तरह की स्थितियां सामने आएंगी।
उपचुनावों में स्थानीय मुद्दे होते हैं। हमारे कार्यकर्ताओं में यह बात थी कि यह तो सीएम तथा डिप्टी सीएम की सीट है। कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास था कि हम जीत ही रहे हैं तो वे मैदान में नहीं गए। मतदान प्रतिशत गिरते ही बीजेपी को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। हमने गोरखपुर में हार की समीक्षा की है, उसकी रणनीति बना रहे हैं। रणनीति का खुलासा नहीं बल्कि वक्त आने पर क्रियान्वयन होगा। गोरखपुर के लोग अगर मतदान के लिए गए होते तो यह स्थिति नहीं आती। कम प्रतिशत का हमें खामियाजा भुगतना पड़ा।
लोकसभा को लेकर उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों के गठजोड़ को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं इसको लेकर बहुत भयभीत या फिर गंभीर नहीं हूं। उन्होंने कहा कि देश में यह तो तय है कि कोई भी पार्टी अब अकेले भाजपा का सामना नहीं कर सकती है। हम तो चाहते हैं कि पार्टियां गठबंधन करें। इसके बाद यह भी तय कर लें कि गठबंधन का नेता कौन होगा। अपना नेता तय करें कि राहुल गांधी होंगे या अखिलेश यादव। हम तो उसके बाद भी देखेंगे कि क्या फर्क पड़ता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा यह तो तय है कि इस उपचुनाव ने सबित कर दिया कि किसी में कुव्वत नहीं कि अकेले भाजपा का सामना कर सके। अब तो यह लोग तय करें कि गठबंधन का नेता राहुल गांधी, अखिलेश यादव या मायावती जी में से कौन होंगे। यह तय करके आएं पता चल जाएगा। जो सच्चाई है उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए ये बेमेल सौदेबाजी है। प्रदेश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।
अपशकुन नहीं मानते हैं योगी
उत्तर प्रदेश के तमाम मुख्यमंत्री नोएडा जाने से डरते थे। मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ नोएडा गए। सोशल मीडिया पर जब उनके नोएडा जाने को उप चुनाव में भाजपा की हार से जोड़ा गया तो योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह लोगों का भ्रम है। उन्होंने कहा कि दिसंबर में नोएडा दौरा प्रदेश के विकास को जोडऩे की एक कड़ी के रूप में था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं एक बार फिर बहुत जल्द नोएडा के दौरे पर आने वाला हूं। योगी के रूप में यह मेरा काम है कि अशुभ को शुभ में बदल दूं।
राम मंदिर आस्था से जुड़ा मुद्दा
राम मंदिर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामजन्मभूमि का मसला चुनावी मुद्दा नहीं है। यह तो लोगों की आस्था से जुड़ा मुद्दा है। मैं आशावान हूं और मानता हूं कि इसके पक्ष में कोर्ट का फैसला आएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को धर्मनिरपेक्ष के बदले पंथनिरपेक्ष होना चाहिए। अगर धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब पंथ निरपेक्ष है, तो हिंदू से बड़ा कोई धर्मनिरपेक्ष नहीं है। इसके इतर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोग भारत की परपंराओं, महापुरुषों को गाली देने को धर्मनिरपेक्षवाद कहते हैं।