सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त हुआ देश, पूर्व सरकारों ने सांप्रदायिक भेदभाव की ओर धकेला
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश वही है नेतृत्व बदलने से देश के हर नागरिक के मन में कैसे नया विश्वास जागृत होता है और सरकार कैसे संवेदनशील होकर बिना भेदभाव के योजनाओं को समाज के हर तबके तक पहुंचाने का काम करती है।
लखनऊ, जेएनएन। आजादी के अमर बलिदानियों को नमन करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को 1947 में स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने बलिदानियों की परिकल्पना को नजरअंदाज करते हुए तुष्टिकरण की राजनीति को जन्म देते हुए देश को धर्म, जाति, सांप्रदायिक भेदभाव और अलगाववाद की ओर धकेल दिया। सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश संप्रदायवाद, जातिवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद से ऊपर उठकर एकजुट है। देश तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद और विश्व संवाद केंद्र अवध द्वारा निराला नगर स्थित सरस्वती कुंज में आयोजित 'राष्ट्रहित सर्वोपरि' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर देश की आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने वाले वीर सेनानियों की वीर गाथा को लोगों तक पहुंचाने का जो अभियान शुरू किया गया है, उसके लिए विद्या भारती परिवार धन्यवाद का पात्र है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विद्या भारती ने 1952 में सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से पक्कीबाग गोरखपुर में एक विद्यालय का शुभारंभ किया था, लेकिन आज पूरे देश में राष्ट्रीयता से ओतप्रोत संस्कारवान शिक्षा देने का केंद्र बिंदु बन चुका है। विद्या भारती और इससे जुड़ी हुई संस्थाएं वर्तमान पीढ़ी को खड़ा कर रही हैं, जो सराहनीय है। राष्ट्रभक्त और संस्कारवान युवा पीढ़ी का निर्माण हो रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव अभियान से जुड़कर विद्या भारती अपने वीर सैनिकों को सम्मान दिला रही है। इससे प्रत्येक नागरिक के मन में देश की आजादी के प्रति एक नया जज्बा पैदा होगा। कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि उन सभी पक्षों का अभिनंदन, जिन्होंने राम मंदिर के मुद्दे को सांप्रदायिक सौहार्द के रूप में लिया और न्यायालय का सम्मान किया। सभी पक्षों ने जाति, मत, मजहब से ऊपर उठकर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार किया।
जयपुर से आनलाइन जुड़े मेजर जनरल सुधाकर ने कहा कि हमें अपने जीवन में कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए, जिससे सफलता अवश्य मिलेगी। साथ ही उन्होंने युवाओं को अपने देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा कि अमृत महोत्सव की घोषणा होने के बाद विद्या भारती ने इस अभियान से जुड़ी कार्ययोजना बनाकर पूरे देश में भेजा, ताकि वर्षभर विद्या भारती के छात्र, पूर्व छात्र, अभिभावक, प्रबंध समितियों के सदस्य आदि स्वतंत्रता के कालखंड से पूर्ण रूप से परिचित हों। वीर बलिदानियों की गाथा जान सकें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तीन पुस्तकों और मेजर जनरल सुधाकर की शौर्य गाथा पर बनी डाक्यूमेंट्री का विमोचन भी किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना केजीएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने रखी। इस अवसर पर एकल अभियान के अखिल भारतीय महासचिव माधवेन्द्र सिंह, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा, इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष मिश्रा, लेफ्टिनेंट जनरल प्रो. बीएनबीएम प्रसाद, मेजर जनरल एनबी सिंह, कर्नल वरुण बाजपेयी, पूर्व आइपीएस अधिकारी महेन्द्र मोदी और विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र भी उपस्थित थे।