Illicit Liquor Case : बाराबंकी के जिला आबकारी अधिकारी व सीओ समेत 15 निलंबित
प्रदेश सरकार के लिए कठघरा बना रही इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी नाराजगी जताई तो शासन हरकत में आ गया।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में जहरीली शराब पीने से हुई 15 लोगों की मौत ने खलबली मचा दी है। प्रदेश सरकार के लिए कठघरा बना रही इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी नाराजगी जताई तो शासन हरकत में आ गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर बेहद तल्ख होने के बाद बाराबंकी के जिला आबकारी अधिकारी व निरीक्षक समेत 10 आबकारी कर्मियों तथा सीओ रामनगर पवन गौतम व इंस्पेक्टर रामनगर राजेश कुमार समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही आबकारी आयुक्त पी. गुरु प्रसाद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई है। जहरीली शराब कांड कैबिनेट की बैठक में भी गूंजा।
बाराबंकी की इस घटना के बाद शासन ने आबकारी आयुक्त के साथ जांच समिति में अयोध्या के मंडलायुक्त व आइजी आयोध्या को भी लगाया है। तीनों अधिकारी बाराबंकी पहुंचकर छानबीन कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया जिम्मेदार मानते हुए जिला आबकारी अधिकारी एसएन दुबे, आबकारी निरीक्षक रामतीरथ मौर्य, आबकारी विभाग के हेड कांस्टेबल रामबोध, संतोष यादव, मो. सलीम, आरक्षी अब्दुल कलाम, विनय सिंह, दीपक शर्मा, रामसबद चौधरी व महिला आरक्षी सीता देवी को निलंबित कर दिया है। वहीं, पुलिस महकमे से सीओ रामनगर पवन गौतम, इंस्पेक्टर रामनगर राजेश कुमार, उपनिरीक्षक महेंद्र सिंह, सिपाही परमात्मा व जंग बहादुर गुप्ता को भी निलंबित किया गया है। माना जा रहा है कि प्रकरण में जांच के बाद कई अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि 32 पीडि़तों को लखनऊ तथा 10 को बाराबंकी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लखनऊ में भर्ती चार मरीजों की हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने सरकारी ठेके के सेल्समैन सुनील जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया है। ठेके के अनुज्ञापी दानवीर की तलाश कराई जा रही है। ठेके से विंडीज व पावर हाउस ब्रांड की देशी शराब बेची गई थी। यहां पर ठेके को सील करने के साथ ही दोनों ब्रांड की खाली बोतलों को कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भिजवाया जा रहा है। अब तक की जांच में कुछ पीडि़तों ने ठेके से सील बंद बोतल लेने तथा कुछ ने खुली बोतल मिलने के बयान दिए हैं।
अफसरों की संलिप्तता की भी जांच
जांच समिति इस घटना में आबकारी विभाग, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच भी करेगी। इसके अलावा जहरीली शराब की आपूर्ति का स्रोत क्या है? इसके लिए कौन जवाबदेह है? इससे पहले दिए गए आदेशों के अनुपालन में क्या शिथिलता बरती गई? इसका भी उल्लेख होगा। साथ ही समिति ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सुझाव भी देगी।
अन्य जिलों में भी कराई जा रही जांच
एडीजी ने कहा कि विंडीज व पावर हाउस ब्रांड के जिस बैच की देशी शराब बाराबंकी में सप्लाई की गई थी, उसकी सप्लाई अन्य जिलों में भी हुई थी। लखनऊ समेत अन्य जिलों में इन दोनों ब्रांड की संबंधित बैच की शराब की जांच कराने का निर्देश भी दिया गया है।
दो-दो लाख की आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री ने शराबकांड में मृतकों के परिवारीजन को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
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