Move to Jagran APP

सीएम योगी आदित्यनाथ की सपा नेता को दो टूक-बंदर मत समझो, लंका को राख कर दूंगा

योगी आदित्यनाथ सरकार के उत्तर प्रदेश में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर समाजवादी पार्टी के नेता आनंद भदौरिया ने ट्वीट कर कहा था जंगल वालों ने शेर की जगह बंदर को राजा चुना।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 06:11 PM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ की सपा नेता को दो टूक-बंदर मत समझो, लंका को राख कर दूंगा
सीएम योगी आदित्यनाथ की सपा नेता को दो टूक-बंदर मत समझो, लंका को राख कर दूंगा

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के नेता को दो-टूक और बेहद करारा जवाब दिया है। समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य आनंद भदौरिया ने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बंदर की संज्ञा दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको मुंहतोड़ जवाब दिया है।

loksabha election banner

योगी आदित्यनाथ सरकार के उत्तर प्रदेश में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर समाजवादी पार्टी के नेता आनंद भदौरिया ने ट्वीट कर कहा था जंगल वालों ने शेर की जगह बंदर को राजा चुना। आनंद भदौरिया लोकसभा 2014 के चुनाव में लखीमपुर खीरी के धौरहरा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे। वह अखिलेश यादव की ब्रिगेड के खास सदस्य हैं, जिनको मुलायम सिंह यादव ने पार्टी से बाहर कर दिया था।

प्रदेश की योगी सरकार कल अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर लखनऊ लोकभवन में 'एक साल नई मिसाल' कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के नेता आनंद भदौरिया के बंदर वाले ट्वीट का जवाब दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस तरीके से एक बानर ने लंका को जलाकर राख कर दिया था, उसी तरह यह बानर भ्रष्टाचार रूपी लंका को जलाकर राख कर देगा। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों को अब बंदर से डर लगता है, लेकिन एक बंदर ने रावण की लंका जलाई थी। एक बंदर प्रदेश की तमाम कुरीतियों को खत्म करेगा। यह बंदर गुंडाराज व भ्रष्टाचार को खत्म करेगा, किसी को शक नहीं होना चाहिए। योगी ने आंकड़ों के जरिए बताया कि उनकी सरकार ने हर तरह के अपराध में कमी लाने में सफलता हासिल की है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार को विरासत में खजाना खाली मिला था। कर्मचारियों को वेतन देने तक की चुनौती थी। इससे प्रदेश में जंगलराज था तो अराजकता चरम पर थी। परिवारवाद, जातिवाद के साथ मत-मजहब के आधार पर समाज को बांटने की नीति लागू थी। राज्य की 1.21 लाख किमी सड़कें गड्ढे से भरी हुई थीं। बिजली में वीआईपी कल्चर लागू था और महज चार जिलों को ही ठीक से बिजली मिलती थी। किसान आत्महत्या कर रहा था। बैंक लोन देने को तैयार नहीं थे।

उद्योगपति पलायन कर रहे थे। नई नौकरियों पर रोक लगी थीं। ऐसी परिस्थितियों में काम किसी चुनौती से कम नहीं था। बावजूद इसके उनकी सरकार ने प्रदेश को इन हालातों से मुक्त किया। किसान, नौजवान, गरीब और महिलाओं को केंद्र में रखकर कल्याणकारी कार्य किए व लोक कल्याण संकल्प पत्र के तमाम वादों को पूरा किया। इससे परिस्थितियों बदलीं और लोगों में नया विश्वास जागृत हुआ है।

समाजवादी पार्टी के नेता आनंद भदौरिया ने ट्वीट कर कहा था जंगल वालों ने शेर की जगह बंदर को राजा चुना। सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने सरकार के एक साल पूरा होने पर अपने ट्विटर हैंडल पर कटाक्ष किया था। टिप्पणी की थी, 'जंगल वालों ने शेर की जगह बंदर को राजा चुना, कोई समस्या आती बंदर इस पेड़ से उस पेड़, इस डाल से उस डाल छलांग लगाता। समाधान न होते देख जंगल वालों ने कहा कि महराज आप फेल हो। बंदर ने कहा कि देखो भागदौड़ में कोई कमी नहीं है अब रिजल्ट न मिले तो इसमें मेरा क्या कसूर। भदौरिया ने इस ट्वीट को योगी आदित्यनाथ को भी टैग किया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.