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मायावती के ट्वीट पर योगी आदित्यनाथ का पटलवार, कहा- चोरों का सशंकित होना स्वाभाविक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौकीदार को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा आज स्वभाविक रूप से देश का हर नागरिक अपने आपको चौकीदार समझ रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 10:26 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 11:22 AM (IST)
मायावती के ट्वीट पर योगी आदित्यनाथ का पटलवार, कहा- चोरों का सशंकित होना स्वाभाविक

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन होने के बाद बसपा मुखिया सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। ट्विटर पर लगभग रोज प्रतिक्रिया देने वाली मायावती को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करारा जवाब दिया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौकीदार को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि आज तो स्वभाविक रूप से देश का हर नागरिक अपने आपको चौकीदार समझ रहा है। वह खुद एक योगी होने के नाते धर्म और समाज के प्रति एक चौकीदार की भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री के रूप में चौकन्ना रहकर प्रदेश की चौकीदारी कर रहे हैं। कहने का मतलब आज पूरे देश में चौकीदार की धूम मची हुई है। ऐसे में जब चौकीदार चौकन्ना होगा तो चोरों का सशंकित होना स्वभाविक है।

उन्होंने कहा कि मैं और पूरा प्रदेश मायावती जी की चिंता और बेचैनी को अच्छी तरह से समझते हैं, क्योंकि उनके कार्यकाल में लूट और भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड बने थे और अब जब चौकीदार के अलर्ट होने से यह सब बंद हो गया है तो वह असहज महसूस कर रही हैं। अब पूरा देश अलर्ट है, इसलिए जिन्होंने देश के संसाधनों को लूटा था उन्हें अब परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हर जगह चौकीदार है और चौकीदार पूरी तरह से अलर्ट है और चोर असहज महसूस कर रहे हैं। वास्तव में देश का हर सजग नागरिक चौकीदार है और चूंकि मैं योगी हूं इसलिए मैं धर्म, समाज और संस्कृति का चौकीदार हूं और एक मुख्यमंत्री होने के नाते मैं प्रदेश का चौकीदार हूं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित हर वह व्यक्ति, जो देश के प्रति निष्ठावान और ईमानदार है, वह चौकीदार है। सबके चौकन्ना होने से सबसे अधिक पीड़ा उसे हो रही है, जो चोर हैं। ऐसे लोग देश और प्रदेश के संसाधनों पर डकैती डाल रहे हैं और जब उन पर सवाल उठाया जा रहा है तो उन्हें कष्ट हो रहा है। वजह यह है कि अब उनके समय के लूट-खसोट के मामले सामने आने लगे हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार ने लूट-खसोट को सख्ती से रोका है। उन्होंने कहा वह मायावती के कष्ट को समझ रहे हैं। उनकी सरकार के दौरान लूट-खसोट के नए कीर्तिमान स्थापित हो चुके हैं। आज जब उनपर लगाम लगाई जा रही है, तो उन्हें कष्ट हो रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने मायावती के उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें मायावती ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री यह बताएं कि वह योगी हैं या फिर चौकीदार। बसपा सुप्रीमो ने कहा था कि भाजपा चुनाव हार रही है और इस बार चुनाव हारने के बाद योगी आदित्यनाथ चौकीदारी कर सकते हैं। मायावती ने ट्वीट कर कहा, भाजपा वाले चाहे जो फैशन करें बस संविधान-कानून के रखवाले बनकर काम करें, जनता बस यही चाहती है। उन्होंने ट्वीट किया, भाजपा के मंत्री और नेतागण पीएम मोदी की देखादेखी च्चौकीदार बन गए हैं पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसे लोग बड़ी दुविधा में हैं कि क्या करें? जनसेवक/योगी रहें या अपने को चौकीदार घोषित करें।

रामगोपाल का बयान तुष्टीकरण की पराकाष्ठा: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलवामा हमले को लेकर सपा महासचिव रामगोपाल यादव का बयान तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है। यह वोट बैंक के लिए घटिया राजनीति का एक उदाहरण है। इससे जवानों का हौसला गिरेगा जबकि आतंकी संगठनों का मनोबल बढ़ेगा। सपा महासचिव ने शहीद सीआरपीएफ जवानों का अपमान किया है, उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। योगी ने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के 48 घंटे के भीतर ही हमारे बहादुर जवानों ने हमला करने वालों को मार गिराया। आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद के खिलाफ मोदी सरकार ने जो जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, उसका परिणाम सबके सामने है। सीएम ने कहा कि सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकी संगठनों के शिविरों को नष्ट किया गया। बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जिस तरह से आतंकी संगठन के शिविर नष्ट किए गए, उसके साथ पूरा देश खड़ा है। यह वही सपा है जिसके शासनकाल में 2012 से लेकर 2017 तक 1000 से अधिक दंगे हुए और हजारों निर्दोष लोगों की जान गई।

क्या है रामगोपाल का बयान

दरअसल, सैफई में सपा महासचिव प्रो.रामगोपाल ने पुलवामा हमले पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया और कहा था कि पैरामिलिट्री फोर्स सरकार से बहुत दुखी है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद जवानों का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वोट के लिए जवान मरवा दिए गए। 


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