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आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का माध्यम है 'घरौनी': योगी आदित्यनाथ

लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत 11 जनपदों के 1001 ग्रामों के 157244 लाभार्थियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण किया। अब हर व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा पाएगा। हमें तकनीक के महत्व को समझना होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 04:13 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 04:13 PM (IST)
आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का माध्यम है 'घरौनी': योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीणों को शुक्रवार को बड़ा तोहफा दिया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार के गठन की तारीख की घोषणा से पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीणों को शुक्रवार को बड़ा तोहफा दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर शुक्रवार को प्रदेश के 11 जनपदों के 1001 ग्रामों में 1,57,244 ग्रामीणों को ऑनलाइन से आवासीय अभिलेख (घरौनी) प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों से बात भी की।

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लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत 11 जनपदों के 1,001 ग्रामों के 1,57,244 लाभार्थियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण किया। अब हर व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा पाएगा। हमें तकनीक के महत्व को समझना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों को इस योजना का लाभ उपलब्ध हो रहा है। यह नई क्रांति है जो गरीबों और किसानों का हक देने के लिए भारत सरकार के स्तर पर किए गए प्रयासों का परिणाम है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि अब आप लोगों की जमीन की नाप-जोख में गलती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 'स्वामित्व योजना ग्राम्य सशक्तीकरण की दिशा में बड़ी क्रांति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'घरौनी मात्र भूमि का मालिकाना हक दिलाने वाला सरकारी कागज नहीं, बल्कि यह गांव के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने, आत्मसम्मान का बोध कराने और आत्मनिर्भरता की राह दिखाने का माध्यम है। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को अपने ग्राम के आबादी क्षेत्र में अपनी सम्पतियों (भवन, प्लाट आदि) के प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त हो रहे हैं। यह विवाद और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे ही, जरूरत पडऩे पर बेझिझक इन दस्तावेजों के आधार पर बैंक से सहजतापूर्वक ऋण भी लिया जा सकेगा। इस ऋण के जरिए ग्रामीण अपना कोई उद्यम भी लगा सकते हैं। इस तरह यह स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने का भी जरिया बनेगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर स्वामित्व योजनांतर्गत प्रदेश के 11 जनपदों (जनपद जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, वाराणसी एवं आजमगढ़) के 1001 ग्रामों में 1,57,244 ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) के डिजिटल वितरण कार्यक्रम (वर्चुअल) में लाभार्थियों से संवाद कर रहे थे। 

उन्होंने डिजिटल खसरा का शुभारंभ भी किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के सात नागरिकों को मुख्यमंत्री के हाथों घरौनी मिली, जबकि सभी 11 जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने घरौनी का वितरण किया। घरौनी प्राप्त करने वाले लोगों से वर्चुअल संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तैनी जमीनों पर लोगों के मकान तो थे, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं था, नतीजतन आए दिन लोगों को उत्पीडऩ और विवाद झेलना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकार उनकी पुस्तैनी जमीन का मालिकाना हक दे रही है। ग्रामीण लाभार्थियों ने इस योजना को बहुप्रतीक्षित बताते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार भी जताया।

स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री की दूरदर्शीता और संवेदनशीलता का परिचायक: घरौनी पाने वाले लाभाॢथयों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया महामारी से त्रस्त और पस्त थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की ग्रामीण जनता को उनकी संपत्तियों का पूर्ण अधिकार देने की योजना पर काम कर रहे थे। यह उनकी दूरदर्शीता और संवेदनशीलता का परिचायक है। अब तक 37 जिलों के कुल 1,578 ग्रामों के 2,09,016 भूखंड स्वामियों को आवासीय अभिलेख (घरौनी) प्राप्त हो चुके हैं। सीएम योगी ने कहा घरौनी के माध्यम से आबादी क्षेत्र का प्रारम्भिक डाटा तैयार होने से विकास के लिए सरकारी योजनाएं संचाचित करने में भी सुगमता होगी। अब ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण कर सही जानकारी आधारित अभिलेख तैयार हो रहे हैं। दैवीय आपदा की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से सहायता भी मिल सकेगी।

अब मिलेगा ऑनलाइन डिजिटल खसरा: डिजिटल खसरा का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व के 21 स्तम्भों के ऑफलाइन खसरे के स्थान पर अब 46 स्तम्भों के नए और पूर्णत: ऑनलाइन डिजिटल खसरे जारी होने का काम व्यापक जनमहत्व का है। ऑनलाइन खसरा में गाटा, फसल एवं सिंचाई के साधन, दैवीय आपदा एवं कृषि अपशिष्ट निस्तारण, वृक्ष, गैर कृषि भूमि, लीज, दो फसली क्षेत्रफल व अकृषित भूमि तथा विशेष विवरण अंकित किया जाएगा। लेखपालों को प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में ही लैपटॉप व मोबाइल फोन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। अत: इस ऑनलाइन खसरे को फील्ड में ही भरा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कुल 1,08,846 राजस्व ग्रामों के लगभग 7.65 करोड़ गाटा/खसरों का कम्प्यूटीकरण किया जाना है। ऑनलाइन खसरा होने के कारण हर स्तर से इसका पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। इससे अभिलेखों में पारदर्शीता आएगी। डिजिटल खसरे के लिए राजस्व परिषद ने साफ्टवेयर तैयार किया है।

पुख्ता राजस्व अभिलेख ग्रामीणों को बनाएंगे सशक्त: विजय कश्यप- इस कार्यक्रम में मौजूद राज्यमंत्री, राजस्व एवं बाढ़, विजय कुमार कश्यप ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ग्रामीण आबादी क्षेत्रों का भारत सरकार की 'स्वामित्व योजना' के अन्तर्गत आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया का कार्य राजस्व परिषद के निर्देशन में सभी जिलों में कराया जा रहा है। ग्रामीण आबादी के सर्वेक्षण एवं अभिलेख क्रिया के लिए कुल 82,913 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। राज्यमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत तैयार अभिलेख ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय तरलता एवं वित्तीय सुदृढ़ता के साथ ही विकास की प्रकिया को गति मिलेगी। 


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