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Chhath-Puja 2019: आस्था के नाम पर नदियों और तालाबों को गंदा न करें : सीएम योगी अद‍ित्‍यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर सभी को महापर्व छठ की दी बधाई व शुभकामनाएं। लक्ष्मण मेला स्थल के घाट पर छठ पूजा में शामिल हुए मुख्यमंत्री।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 01:26 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 07:18 AM (IST)
Chhath-Puja 2019: आस्था के नाम पर नदियों और तालाबों को गंदा न करें : सीएम योगी अद‍ित्‍यनाथ
Chhath-Puja 2019: आस्था के नाम पर नदियों और तालाबों को गंदा न करें : सीएम योगी अद‍ित्‍यनाथ

लखनऊ, जेएनएन। पर्व और त्योहारों के नाम पर नदियों और तालाबों को दूषित करना आस्था नहीं है। निर्मल और अविरल जल से जीवन है इसलिए इनमें सफाई रखना सबसे पुण्य का काम है। लक्ष्मण मेला स्थल पर छठ पूजा के मौके पर मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को शुभकामनाओं के साथ स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व और त्योहार पूरी दुनिया में एकता और समरसता का संदेश देते हैं, राष्ट्र निर्माण का कार्य करते है। इसलिए नदी-तालाबों को गंदा करके और वृक्षों को काटकर राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान करते हैं। आस्था की आड़ में जो लोग इस तरह की संकीर्ण मानसिकता रखते हैं उनको पर्व आइना दिखाने का काम करते हैं। भोजपुरी समाज देश और दुनिया में जहां कहीं गया अपने साथ छठ के पर्व को भी लेकर गया है। अब छठ पर्व केवल बिहार या यूपी में ही नहीं पूरे देश और विदेश में भी मनाया जा रहा है। भोजपुरी समाज हमेशा मेरे साथ रहा। मुझे पांच बार एमपी भी चुना है।

इस मौके पर मुुख्यमंत्री ने अयोध्या में हुए दीपोत्सव की सफलता पर भी लोगों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब यूपी में सरकार आई तो हमने तय किया कि विश्व में अयोध्या की नई छवि का निर्माण करेंगे। इसी के तहत अयोध्या में इस बार 6.11 लाख दीप जलाकर एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार किया। अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में हर परिवार ने हिस्सा लिया। अयोध्या के बारे में अब लोगों की धारणा बदल रही है हर वर्ग और समुदाय के लोग राम को जीवन आदर्श मान रहे हैं। 

 

इसी तरह कुंभ के बारे में अव्यवस्था, गंदगी और असुरक्षा की जो धारणा थी हमारी सरकार ने उसको भी बदल दिया। 2014 में मॉरीशस के पीएम आए लेकिन गंदगी के चलते संगम में स्नान करने से मना कर दिया। इस बार वह चार सौ लोगों के साथ आए और स्नान किया। बीते कुंभ में करीब 25 करोड़ लोगों ने स्नान किया जिससे पूरी दुनिया में संगम से स्वच्छता, सुरक्षा और अनुशासन का संदेश गया। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा और यमुना की सभी सहायक नदियों को साफ किया जा रहा है। सीएम ने छठ पूजा के लिए भव्य घाटों के निर्माण के निर्देश दिए।

शनिवार शाम से ही महिलाएं लक्ष्मण मेला स्थल पर पहुुंचकर अर्घ्य देना शुरू किया। इसी बीच मुख्यमंत्री भी छठ पूजा में शामिल हुए और उन्होंने भी सूर्य को अर्घ्य दिया। मुख्यमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद रहे। 34 साल से घाट पर हो रही छठ पूजा में पहली बार कोई मुख्यमंत्री शामिल हुआ। इसे लेकर भोजपुरी समाज के लोगों ने उनका खड़े होकर अभिनंदन किया।

बता दें, बीते दिन यानी शुक्रवार देर शाम नव नियुक्त जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने छठ घाट की व्यवस्था के साथ ही स्टेज की सुरक्षा का जायजा लिया। उन्होंने बताया था कि शनिवार को शाम चार बजे मुख्यमंत्री के आने की संभावना के चलते सुरक्षा की पड़ताल की गई। भोजपुरी समाज के आग्रह पर डीएम ने सुबह घाट के दोनों तरफ 400 मीटर दूरी तक जलकुंभी हटाने और एक फीट गोमती का जल स्तर बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने सुरक्षा की जानकारी ली। महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने भी घाट का निरीक्षण कर सफाई, पानी का छिड़काव और फॉगिंग कराने के निर्देश दिए। 

 

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि शनिवार को दोपहर से रविवार को सुबह तक गायक भोजपुरी गीतों का गुलदस्ता पेश करेंगे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के अलावा उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्या, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के अलावा कई गणमान्य लोग भी शिरकत करेंगे।

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्यदेंगी व्रती महिलाएं

छठ की तैयारियां पूरी हो गई हैं। गोमती घाटों के साथ शहर के हर इलाकों में शनिवार को व्रती महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य भगवान को अर्घ्यदेकर संतान सुख और सुहाग की कामना करेंगी। रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्यदेकर व्रत का पारण होगा।

शहर में कहां कितने बजे होगा आयोजन

  • दोपहर 2 बजे, छठ का मुख्य आयोजन लक्ष्मण मेला स्थल, छठ घाट मुख्य आयोजन
  • शाम 4 बजे, शिव मंदिर घाट खदरा
  • शाम 4 बजे, मनकामेश्वर उपवन घाट
  • शाम बजे, पक्का पुल संङिाया घाट
  • शाम 4 बजे, झूलेलाल घाट
  • शाम 4 बजे,श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर घाट
  • शाम 4 बजे, 35वीं वाहिनी पीएसी महानगर
  • शाम 4 बजे एलडीए कॉलोनी सेक्टर-एफ शनि मंदिर
  • शाम 4:30 बजे कृष्णानगर के मानसनगर संकट मोचन हनुमान मंदिर नई पानी की टंकी
  • शाम 4:30 बजे, मवैया रेलवे कॉलोनी

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बाजार में दिखी रौनक

छट पूजन सामग्री से बाजार भी गुलजार रहे। गन्ना, सिंघाड़ा, नारियल, फलों के अलावा सूप, हरी हल्दी, मूली व अन्नास, सिंघाड़ा, संतरा, सेब, मूली, नींबू, कच्ची हल्दी व चावल का बना लड्डू और रक्षा सूत्र की खरीदारी की। महानगर के साथ ही आलमबाग, डंडइया बाजार, निशातगंज सहित शहर के हर इलाके में खरीदारी की गई।

 

छोटी छठ पर भी घाट पर दिया गया था सूर्य को अर्घ्य

चार दिवसीय पर्व छठ महाव्रत के दूसरे दिन शुक्रवार को महिलाओं ने रसियाव (गुड़ की बनी खीर) का सेवन कर 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत की। कुछ महिलाओं ने छोटी छठ पर भी घाट पर जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्यदेकर छठी मइया से समृद्धि की कामना की। व्रती रंजना सिंह ने बताया कि छठी मइया के गीतों के साथ पति या बेटा सिर पर बास की टोकरी में सभी मौसमी फल रखकर घाट तक जाएंगे। सूप में जलते दीपक और गंगाजल के साथ छठ गीतों के संग पीछे-पीछे महिलाओं की टोलियां चलती हैं। शाम को देशी घी से बने रसियाव (गुड़-अरवा चावल की बनी खीर) का केले के पत्ते पर सेवन करने के साथ व्रत की शुरुआत हो गई। ठेकुआ के साथ ही पूजन में लगने वाली सामग्री भी बनाई गई। रविवार को सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्यदेने के साथ ही व्रत का पारण होगा। लक्ष्मण मेला स्थल पर होने वाला मुख्य आयोजन शनिवार और रविवार को होगा। मेला स्थल पर घाट की सफाई हो गई है। सुसुबिता (छठ मइया का प्रतीक) बनाने का कार्य पूरा हो गया है। 


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