Gujrat Riots : पीएम मोदी के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सीएम योगी आदित्यनाथ बोले - शकुनियों के लाक्षागृह से सत्य सकुशल बाहर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को दी गई क्लीन चिट सत्य के सकुशल व विजयी होने का उद्घोष है। षड्यंत्रकारियों को देश से सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुजरात दंगों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और 63 अन्य को एसआइटी की क्लीनचिट पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद विरोधियों पर हमला बोला है। इतना ही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी षडयंत्रकारियों से माफी भी मांगने को कहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए षड्यंत्रकारियों को माफी मांगने को कहा है। शनिवार को सीएम योगी ने ट्विटर पर लिखा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को दी गई क्लीन चिट सत्य के सकुशल व विजयी होने का उद्घोष है। षड्यंत्रकारियों को देश से सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए षड्यंत्रकारियों को माफी मांगने को कहा है। शनिवार को सीएम योगी ने ट्विटर पर लिखा माननीय सुप्रीम कोर्ट के गुजरात दंगों के संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री जी को दी गई क्लीन चिट सत्य के सकुशल व विजयी होने का उद्घोष है। षड्यंत्रकारियों को देश से सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का शकुनियों के लाक्षागृह से निकलना सत्य का सकुशल बाहर आना जैसा ही है।
'शकुनियों' ने सत्य के विरुद्ध 'लाक्षागृह' सजाया, किंतु 'सत्य' सकुशल बाहर आया।
माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात दंगों के संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री जी को दी गई क्लीन चिट सत्य के सकुशल व विजयी होने का उद्घोष है।
षड्यंत्रकारियों को देश से सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए। — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 25, 2022
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका जाकिया जाफरी की ओर से दाखिल की गई थी। कोर्ट ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट को सही माना है। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सात महीने पहले 9 दिसंबर 2021 को जाकिया जाफरी की याचिका पर मैराथन सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी ने तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे अब के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी।