लखनऊ में ट्रैक्टर-ट्राली के अनाड़ी चालक बन रहे दुर्घटना का सबब, कामर्शियल प्रयोग से राजस्व को चूना
लखनऊ यातायात विभाग ऐसे करीब सात सौ से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्राली को चिन्हित किए है। जो कृषि कार्य की जगह दूसरे काम में लगे हैं। नौसिखिया चालक राहगीरों के लिए खतरा बने हुए हैं। नहीं होती चेकिंग पैसा लेकर छोड़ते देती पुलिस।
लखनऊ, जेएनएन। शहर में कृषि कार्यों के लिए खरीदे गए ट्रैक्टर-ट्राली के अनाड़ी चालक दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। वहीं, उनका कामर्शियल प्रयोग राजस्व को चूना लगा रहा है। यातायात विभाग ऐसे करीब सात सौ से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्राली को चिन्हित किए है। जो कृषि कार्य की जगह दूसरे काम में लगे हैं। इसकी अनदेखी के कारण ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली सड़क पर सरपट दौड़ते हुए दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं। वही पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं।
ग्रामीण इलाकों के साथ शहर में भी कृषि कार्य की जगह ट्रैक्टर का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। जहां इनसे गिट्टी, मौंरग और सामान की ढुलाई की जा रही है। व्यवसायी रजिस्ट्रेशन में टैक्स में छूट के कारण सामन सप्लाई कर राजस्व में चूना लगा रहे हैं।
नौसिखिया चालक राहगीरों के लिए खतरा
अधिकतर ट्रैक्टर चलाने वालों के पास लाइसेंस तो दूर उन्होंने चलाने की ट्रेनिंग भी नहीं ली। चालक के नौसिखिया होने से आए दिन इनसे दुर्घटना की खबर मिलती है। पिछले दिनों काकोरी, मलिहाबाद, मड़ियांव व नगराम में ट्रैकर-ट्राली पलटने की घटनाएं इसकी बानगी हैं।
नहीं होती चेकिंग, पैसा लेकर छोड़ते देती पुलिस
ट्रैक्टर-ट्राली के चालक की लाइसेंस और कागज चेक न होने का ही कारण है कि शहर में इससे ढुलाई का चलन बढ़ा है। पुलिस कर्मी भी चेकिंग प्वाइंट पर कुछ पैसा लेकर छोड़ देते हैं। पिछले दिनों ट्रैक्टर चालक से पैसा लेते हुए मड़ियांव थाने के एक सिपाही का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद तत्कालीन एसएसपी ने सिपही को निलंबित कर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया था। वहीं कुछ दिन ट्रैक्टर-ट्राली पर सख्ती चली, लेकिन फिर बंद हो गई।
क्या कहते हैं एडीसीपी यातायात ?
एडीसीपी यातायात पूर्णेंदु सिंह के मुताबिक, ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग कृषि कार्य के लिए किया जाना चाहिए। इसमें सवारी बैठाना और अन्य सामान की ढुलाई गैर कानूनी है। ऐसे ट्रैक्टर-ट्राली को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है। यातायात माह में इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।