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कक्षा नौ की छात्रा ने फासी लगाकर दी जान, हाथ पर लिखी थीं ये बातें

चिनहट के हासेमऊ गाव का मामला, कक्षा नौ की थी छात्रा। हाथ पर लिखा सुसाइट नोट।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 12:42 PM (IST)
कक्षा नौ की छात्रा ने फासी लगाकर दी जान, हाथ पर लिखी थीं ये बातें
कक्षा नौ की छात्रा ने फासी लगाकर दी जान, हाथ पर लिखी थीं ये बातें

लखनऊ[जेएनएन]। राजधानी में एक कक्षा नौ की छात्रा ने गुरुवार(7 जून) देर शाम बाथरूम में फासी लगाकर सुसाइड कर ली। परिजनों ने खिड़की से झाककर देखा तो उनके होश उड़ गए। छात्रा छत के कुंडे व दुपट्टे के सहारे फंदे पर लटकी मिली। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोल छात्रा को बाहर निकाला। मृतका के हाथ में इस खौफनाक कदम की वजह लिखी हुई थी। मामला चिनहट के हासेमऊ गाव का है। यहां के रहने वाले कैटर्स का काम करने वाले राम सिंह गुप्ता की बेटी रितू एक निजी स्कूल में पढ़ती थी। परिवारीजनों के मुताबिक, गुरुवार (7 जून) शाम करीब आठ बजे रितू ने खाना बनाने के बाद मा पुष्पा से बताया कि वह नहाने जा रही है। इसके बाद पुष्पा घर के बाहर दरवाजे बैठ गई। काफी देर तक जब रीतू बाहर नहीं आई तो पुष्पा ने उसको आवाज दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। संदेह होने पर परिवारीजन ने छत पर चढ़कर खिड़की से झाककर देखा तो रीतू फंदे पर लटकी मिली। रितू ने छत के कुंडे व दुपट्टे के सहारे फासी लगाई थी। घरवालों दरवाजा तोड़कर रितू को फंदे से नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मृतका के हाथ में लिखा था कि मैं अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सकी इसलिए जान दे रही हूं। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। क्या कहना है पुलिस का?

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मल्हौर चौकी प्रभारी शिव नारायण सिंह ने बताया कि रीतू ने फासी लगाने से पहले हाथ पर एक सुसाइड नोट लिखा था। नोट में लिखा है कि हम आज फैसला कर अपनी जिंदगी को खत्म कर रहे हैं। मेरे मरने के बाद मेरी मौत का कोई भी जिम्मेदार नहीं है। मामले की जांच की जा रही है।

रिटायर आइएएस के बेटे ने लगाई फासी

वहीं, सेक्टर 18 इंदिरानगर में सेवानिवृत आइएएस डॉ. सुधाकर मिश्र के बेटे वाचस्पति ने आत्महत्या कर ली। वाचस्पति ने अपने कमरे में पंखे व साड़ी के फंदे के सहारे फासी लगाई थी। पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। मामले की जाच की जा रही है। इंस्पेक्टर गाजीपुर सुजीत कुमार राय के मुताबिक डॉ. सुधाकर पत्‍‌नी व बड़े बेटे वाचस्पति के परिवार के साथ रहते हैं। बुधवार को डॉ. सुधाकर पत्‍‌नी के साथ बाहर गए थे, जबकि वाचस्पति परिवार समेत घर पर थे। परिवारीजन के मुताबिक, गुरुवार सुबह वाचस्पति की पत्‍‌नी घर के काम में व्यस्त थीं। थोड़ी देर बाद जब वह वापस गईं तो वाचस्पति फंदे पर लटके मिले। इसके बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। घरवालों का कहना है कि नौकरी नहीं मिलने के कारण वाचस्पति तनाव में थे और शराब के लती हो गए थे।


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