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UPPCL: लखनऊ में बिना कागज बिजली मिलने के दावे खोखले, बिजली कनेक्शन मिलना बना टेढ़ी खीर

सौभाग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश में बिजली कनेक्शन बांटे गए लेकिन राजधानी में हजारों लोग बिजली कनेक्शन के लिए भटक रहे हैं। कोई अधिशासी अभियंता कुछ कहानी बताकर आवेदनकर्ता को टरका दे रहा है तो कोई कह रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 02:00 PM (IST)
लखनऊ में बिजली विभाग का मार्च 2020 से सिर्फ चल रहा है पत्राचार का खेल।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। यूपी में हर घर को बिजली मिलेगी, अगर आप झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं तो रजिस्ट्री के कागजों की जरूरत नहीं है। सिर्फ आधार कार्ड दिखाए और प्री पेड बिजली कनेक्शन लें। यही नहीं सौभाग्य योजना के तहत संपूर्ण उत्तर प्रदेश में बिजली कनेक्शन बांटे गए, लेकिन राजधानी में हजारों लोग बिजली कनेक्शन के लिए भटक रहे हैं। कोई अधिशासी अभियंता कुछ कहानी बताकर आवेदनकर्ता को टरका दे रहा है तो कोई ये कह कर कि मंत्री जी क्या लिखकर देंगे या फिर एमडी साहब। मौखिक आदेश मानकर क्या कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जाए। कुल मिलाकर जनप्रतिनिधि आगे आ नहीं रहे हैं और अफसर आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं। इन सबके बीच पिस रहा है बिजली कनेक्शन के लिए भटक रहा उपभोक्ता। बची हुई कसर लखनऊ विकास प्राधिकरण पूरी कर दे रहा है। क्योंकि एनओसी ऑनलाइन जारी नहीं हो रही है, इसलिए गोमती नगर जैसी नियोजित कालोनी में वाणिज्यिक कनेक्शन फिलहाल बंद हैं।

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राजधानी के 26 खंड़ों में प्रतिदिन एक हजार से अधिक नए कनेक्शन के आवेदन आते हैं। इनमें घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक, कृषि सभी हैं। इनमें अब अभियंता किसी भी प्रलोभन में नहीं आ रहे हैं, इसलिए सेस जैसे खंड में बिजली कनेक्शन पूरी तरह बंद है। अवैध कालोनियों में रहने वाले आवंटी तर्क देते हैं कि लविप्रा के अभियंताओं ने सुविधा शुल्क लिया, रजिस्ट्री आफिस ने रजिस्ट्री की, नगर निगम गृहकर निधा्ररण कर रहा है। सारी समस्या लविप्रा को है। लविप्रा ने आखिर रजिस्ट्री पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई। अब ऐसे उपभोक्ता जो बिजली कनेक्शन के लिए भटक रहे हैं, वह लविप्रा की हठधर्मिता को चुनौती देते हुए घेराबंदी करने की योजना बना रहे हैं।

लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि मामले को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। मध्यांचल एमडी से बातचीत चल रही है, उम्मीद है जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा।


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