घर बैठे मशरूम उगाने की ये है सरल तकनीक, आपके पास 'रेडी टू ग्रो बैग' है न
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने मशरूम उगाने की सरल तकनीक रेडी टू ग्रो विकसित की।
लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। मशरूम केवल स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बेहद मुफीद होता है। खनिज तत्वों की प्रचुर मात्रा के साथ-साथ कम कार्बोहाइड्रेट के कारण डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ितों के लिए यह बहुत लाभकारी माना जाता है। भोजन की पौष्टिकता बढ़ाने में मशरूम काफी सहायक है। साल भर इसका उत्पादन करके सब्जी का खर्च तो कम किया ही जा सकता है, साथ ही बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य को भी सुधारा जा सकता है।
ऐसे में देखा गया है कि बागवानी प्रेमी मशरूम उगाने की इच्छा तो रखते हैं परंतु मशरूम के स्पान (बीज) एवं उगाने के माध्यम को बनाने में होने वाली समस्या के कारण हिचकते हैं। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने मशरूम उगाने की अत्यंत सरल तकनीक 'रेडी टू ग्रो' विकसित की है। उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में मशरूम उगाकर इसका नियमित उपयोग कर सेहतमंद हों।
संस्थान के निदेशक डॉ. एस. राजन बताते हैं कि संस्थान ने रेडी टू ग्रो बैग बनाकर मशरूम उत्पादन को बेहद सरल कर दिया है। इससे लोग संस्थान से तैयार बैग घर ले जाकर उचित स्थान पर रखकर मशरूम उगा सकते हैं। इस बैग को सीढ़ी के नीचे, पुरानी अलमारियों में भी पॉलीथिन का पर्दा लगाकर रख सकते हैं। यदि स्नानघर में स्थान हो तो स्टूल पर बैग को रखा जा सकता है क्योंकि वहां नमी बनाए रखना आसान होता है और पानी की फुहार डालने की आवश्यकता कम पड़ती है।
लकड़ी का फ्रेम बनाकर उसमें पॉलीथिन शीट से डब्बे का बनाकर उसके अंदर भी बैग को रख सकते हैं। रेडी टू ग्रो बैग को खुले में रखने से नमी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। प्रधान वैज्ञानिक डॉ.पीके शुक्ला बताते हैं कि मलिहाबाद के आसपास किसानों ने मशरूम उत्पादन शुरू कर दिया है। अब कोशिश है कि शहरी भी घर पर ही मशरूम का उत्पादन कर सकें।
उगाएं विभिन्न प्रजाति के मशरूम
मौसम के अनुसार अलग-अलग प्रकार के मशरूम उगाए जा सकते हैं। गर्मी में दूधिया, शीतकाल में ढिंग्री तथा बटन मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है। इच्छुक लोग संस्थान के निदेशक डॉ. एस राजन से मोबाइल नंबर-8853896692 पर सुबह 10 से शाम पांच बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं।