अभिभावक दें ध्यान, देर रात तक जागना बच्चों के लिए घातक
बच्चों के लिए स्लीप हाइजीन बेहद जरूरी। केजीएमयू के कलाम सेंटर में हुई क्रोनोमेडिसिन की कांफ्रेंस।
लखनऊ, जेएनएन। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों के लिए स्लीप हाइजीन बेहद जरूरी है। बच्चे देर रात जागकर मोबाइल, लैपटॉप आदि गैजेट चलाते रहते हैं। ठीक से न सोने की वजह से बच्चे मोटापा, डायबिटीज और तनाव के भी शिकार हो जाते हैं। यह जानकारी देहरादून के गुरुराम राय मेडिकल कॉलेज के डॉ. अमित वर्मा ने केजीएमयू के कलाम सेंटर में आयोजित क्रोनोमेडिस कांफ्रेंस में दी।
डॉ.अमित वर्मा ने बताया कि अगर कोई देर रात तक जागता है तो वो सुबह फ्रेश नहीं महसूस करता है। नींद पूरी न होने की वजह से शरीर की डैमेज टिश्यू भी रिपेयर नहीं होती है। इसलिए जरूरी है कि शाम सात से आठ बजे के बीच रात का खाना खा लेना चाहिए। सोने के छह घंटे पहले भारी खाना नहीं खाना चाहिए। सोते समय कमरे में अंधेरा होना चाहिए। बिस्तर आरामदायक होना चाहिए। जो लोग दिन में कई बार मल्टीपल नेप्स लेते हैं उनकी रात की नींद खराब होती है। शाम को एक्सरसाइज करने से नींद अच्छी आती है।
प्री कैंसर स्टेज के लाभदायक है कर्कुमिन
कार्यक्रम संयोजक डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि हल्दी से बनी कर्कुमिन दवा ओरल कैंसर की प्री स्टेज, वायरल इंफेक्शन, ट्यूमर आदि के इलाज में कारगर है। डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि चीया सीड मोटापा दूर करता है। साथ ही मेटाबोलिक सिस्टम भी ठीक रखता है। भुवनेश्वर से आये मनीष गोयल ने बताया कि स्पायरोमीटर से सांस को मॉनीटर करके सांस के रोगियों का पता लगाया जा सकता है। कार्यक्रम में नेजल स्पायरोमीटर बनाने में पुणे की अंकिता गाडगे पहले, गुरु राम मेडिकल कॉलेज के राज कुशवाहा दूसरे व केजीएमयू की स्मृति रस्तोगी तीसरे स्थान पर रहीं।