बाल संरक्षण आयोग की बड़ी कार्रवाई, अब बंद होंगे यूपी के वो सभी मदरसे जो सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं
लखनऊ से लेकर पूरे यूपी में जो मदरसे सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं हैं अब उन्हें बंद किया जाएगा। प्रदेश में कुल 16461 मदरसे हैं जिसमें 558 अनुदानित हैं। बाल संरक्षण आयोग सभी मदरसों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। जिन मदरसों की मान्यता नहीं है वे बंद होंगे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। शहर के लेकर प्रदेश भर में जो मदरसे सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं हैं अब उन्हें बंद करवाने की कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में कुल 16,461 मदरसे हैं जिसमें 558 अनुदानित हैं। बार संरक्षण आयोग सभी मदरसों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। जिन मदरसों की मान्यता नहीं है उन्हें बंद किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट अल्पसंख्यक जिला कल्याण अधिकारी को भेजी जा रही है। यह जानकारी बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डा. सुचिता चतुर्वेदी ने दी है।
बच्चों का होगा मेडिकल परीक्षण : आयोग की सदस्य डा. सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि लखनऊ के मदरसे में 20 बच्चे हैं जो लखनऊ के अलावा सीतापुर, उन्नाव और रायबरेली के रहने वाले हैं। मदरसे में पौष्टिक खाना न मिलने के कारण यह काफी कमजोर हैं। बच्चों के एनेमिक होने की आशंका लग रही है। इसलिए बच्चों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जा रहा है।
यह है मामला : बीते शुक्रवार की दोपहर मदरसे में पढ़ने वाले छात्र शहवाज और राजू दीवार फांदकर भागे थे। शहवाज के पैर जंजीर से बंधे थे और ताला जड़ा था। शहवाज को इस हालत में भागते हुए देखकर रास्ते में कुछ लोगों ने उसे रोका और पूछताछ की। इस पर शहवाज ने मदरसे की दहशत भरी दास्तां सुनाई थी। बताया था कि मदरसे में छात्रों को बुरी तरह पीटा जाता है। उन्हें बांधकर रखा जाता है। शहवाज ने पीठ, पैर और हाथ की चोटें भी दिखाई थीं।
इस पर लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था। जिसके बाद पुलिस दोनों छात्रों को थाने ले गई थी। इंस्पेक्टर गोसाईगंज शैलेंद्र गिरी ने बताया कि छात्रों के घरवालों को बुलाया गया था। उन्होंने किसी भी आरोप से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि बच्चे अकसर घर से भाग आते हैं। इसलिए मदरसे के मौलवी से उन्हें बांधकर रखने के लिए कहा गया था। बच्चों के घरवालों ने किसी भी कार्रवाई से इंकार किया था।