मुख्य सचिव आरके तिवारी का निर्देश- डॉक्टर नियमित राउंड लें, डीएम मरीज से फोन पर करें बात
लॉकडाउन खोलने की शुरुआत तो सरकार ने अनलॉक-1 के रूप में कर दी है लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाए रखने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर अब भी जोर है।
लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन खोलने की शुरुआत तो सरकार ने अनलॉक-1 के रूप में कर दी है लेकिन, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाए रखने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर अब भी जोर है। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ से नियमित राउंड और देखभाल के लिए कहा गया है तो जिलाधिकारियों को मरीजों से फोन पर बात कर फीडबैक लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 की रोकथाम और संक्रमण से बचाव के लिए सभी कोविड अस्पतालों में चिकित्सक प्रतिदिन नियमित रूप से निरीक्षण (राउंड) कर मरीजों को देखें। पैरा-मेडिकल स्टाफ नियमित रूप से मरीजों की देखभाल करे। अस्पतालों में प्रतिदिन चादर बदली जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए और गुणवत्तायुक्त भोजन समय पर उपलब्ध कराया जाए।
इसके साथ ही मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा है कि राशन की दुकानों पर खाद्यान्न के सही वितरण के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती अवश्य करें। इसके लिए शिक्षकों, ग्राम पंचायत व विकासखंड स्तर के अधिकारियों को भी लगाया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक गोदाम और राशन की दुकान की निगरानी हो। कहीं भी घटतौली कतई न होने पाए। पॉज मशीनों को चालू रखें, साथ ही उचित मात्रा में सैनिटाइजर और साबुन की व्यवस्था रहे।
21 और जिलों में आज भेजी जाएंगी ट्रुनैट मशीनें : कोरोना वायरस जांच के लिए 21 और जिलों में मंगलवार को ट्रूनैट मशीनें भेज दी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग अभी तक 20 जिलों में यह मशीनें भेज चुका है। इस तरह बाकी जिलों में जल्द इन मशीनों को भेजा जाएगा। सभी जिलों में एक-एक मशीन भेजी जा रही है। इस मशीन की मदद से कोरोना की जांच रिपोर्ट अब घंटे भर के अंदर आ जाएगी। अभी जांच की रिपोर्ट आने में आठ घंटे का समय लगता है। यही नहीं एक साथ ज्यादा नमूनें भी जांचे जा सकेंगे। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब कुल 41 जिलों में अब यह मशीनें उपलब्ध होंगी। दरअसल इस मशीन का प्रयोग टीबी मरीजों की जांच में किया जाता है। मगर इसमें ट्रूनैट कैट्रीज चिप लगाने पर कोरोना वायरस की जांच भी की जा सकती है।