मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा- जैविक खेती को प्रत्येक जिले में 200 एकड़ क्षेत्रफल करें चिह्नित
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 30 वीं राज्य स्तरीय स्वीकृति कमेटी व प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की बैठक की।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने के लिए प्रत्येक जिले में 200 एकड़ क्षेत्रफल चिह्नित किया जाए। गंगा नदी के किनारे जैविक नर्सरी तैयार करने के लिए प्रस्ताव तैयार करें। टिशू कल्चर लैब में विभिन्न प्रजातियों के ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। बुधवार को यह निर्देश मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 30 वीं राज्य स्तरीय स्वीकृति कमेटी व प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की बैठक में दिए।
लोक भवन स्थित सभागार में आयोजित बैठक में बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा नर्सरी का सुदृढ़ीकरण करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के मानकों के अनुसार अवस्थापना सुविधाएं विकसित करें। उन्होंने गत बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन मेें देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समिति के निर्णयों का परिपालन 15 दिन के भीतर ही सुनिश्चित करने के प्रयास किये जाएं। किसी भी दशा में एक माह से अधिक का समय न लिया जाए। तिवारी ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग गोदाम बनाने के स्थान पर एकीकृत गोदाम बनाने का मॉडल तैयार किया जाए। इससे गोदामों का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सकेगा।
871.17 करोड़ रुपये की 75 योजनाएं स्वीकृत : बैठक में कृषि, गन्ना, उद्यान, रेशम, पशुपालन, मत्स्य, यूपी डास्प तथा कृषि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थाओं की वर्ष 2020-21 के लिए 871.17 करोड़ रुपये की 75 योजनाओं के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया। बैठक में प्रदेश के 100 विकास खण्डों में 80.14 करोड़ रुपये की लागत से 100 किसान केंद्रों के निर्माण को हरी झंडी दी गयी। बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों में 2000 लघु व 500 मध्यम तालाबों के निर्माण को 17.81 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इस योजना में तालाब खोदाई के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में हरित क्रांति विस्तार योजना के लिए 70.63 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए। इसी प्रकार पश्चिम उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में फसल विविधीकरण कार्यक्रम के 42.17 करोड़, नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 35780 हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती विस्तार को 182.47 करोड़ रुपये तीन वर्ष के लिए मंजूर किए गए।
गन्ना उत्पादक 44 जिलों में बनेगी पौधशाला : प्रदेश के गन्ना उत्पादक 44 जिलों मेंं आधारीय पौधशाला के लिए 7.42 करोड़ रुपये, 30 जिलों में औद्यानिकी विकास कार्यक्रमों के लिए 38.67 करोड़ रुपये, उद्यान विभाग की 23 जिलों में 36 राजकीय पौधशालाओं के विकास को 51.32 करोड़ रुपये, पान उत्पादक 21 जिलों में पान खेती के प्रोत्साहन को 2.5 करोड़ रुपये के प्रस्ताव अनुमोदित किए गए। इसके अलावा 15 रेशम उत्पादक जिलों में राजकीय रेशम प्रक्षेत्रों के विकास को 8.72 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। पशुओं में टीकाकरण को 21.86 करोड़ रुपये, मत्स्य पालन विकास हेतु 19.11 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मंजूर किए गए। इसी क्रम में 14 जिलों में 25 सहकारी समितियों पर 250 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण के लिए 23.19 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मथुरा में शोध की 37 परियोजनाओं के लिए 93.73 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।